सामर्थ्य कौन सा कम उनका
और नाहीं पुरुष से कम है
प्रकृति, देवी सब वही
और स्त्री है तो हम है
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सामर्थ्य का अर्थ होता है किसी चीज़ की रचना करना और
शक्ति का अर्थ होता है रचना को तोडना
आवश्यकता दोनों की है पर सामर्थ्य शक्ति पर भारी है-
चरित्र का निर्माण करना अस्तित्व से कठीन होता है,
मगर सकल जगत मे सर्वाधिक सरल अंततः क्या होता है..
कोई संदेह करे सीखीं हुईं कला पर तो,
खेचकर धनुष बाणों का असर दिखाना होता है..
रणभूमी से जीवन मे हर समय समझौता कहा करना होता है..
मर्यादा श्रीराम सी और सामर्थ्य परशुराम सा रखना होता है..
अगर मिले अवसर कभी किसी दो व्यक्ती को पाने का तो,
सारथी कृष्ण सा और मित्र कर्ण सा चुनना होता है..
-Pramod Khandelwal-The Innovator
F g-
देह की दृढ़ता को शक्ति कहते है
मन की दृढ़ता को सामर्थ्य कहते है
और आत्मा की दृढ़ता को शौर्य कहते है
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''जीवन में कठिनाइयाँ हमे बर्बाद करने नहीं आती है,
बल्कि यह हमारी छुपी हुई सामर्थ्य और शक्तियों को बाहर निकलने में हमारी मदद करती है ! कठिनाइयों को यह जान लेने दो की आप उससे भी ज्यादा कठिन हो...!!"
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अधिकार सामर्थ्य से सिद्ध होना चाहिए
एवं
सम्मान मनुष्य के लिए खुद में होना चाहिए-