जब दिल में आना ही है तो आ भी जाओ
आखिर हम कब तक इन राहों में रहें
तुम्हारे इंतज़ार में दिल आज भी बैठा है
अब तुम कहो तो रुके नहीं तो चलें
आखिर कोई कब तक सहे.......
कहना तो मैं बहुत कुछ चाहता था
पर तेरी खामोशियों के आगे चुप ही रहे
गर कोई कमी रही हो तो गौर फरमाइए
उसके लिए भी मिलकर समझौता करें
आखिर कोई कब तक सहे.......
आखिर कोई कब तक सहे........
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