Arun Adu Meena   (ख़्याल(arun))
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Joined 10 March 2019


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Joined 10 March 2019
7 JAN 2022 AT 23:17

ना दिल टुटा किसी का ना ही दर्द की आहट उस और है
ना जाने क्यों फिर मेरे शहर में आया ये बारिशों का दौर है

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30 APR 2021 AT 13:47

बहुत थक चुका हूँ मैं* अब ठहर जाऊं क्या
मुक्कमल हो ना पाया अधूरा मर जाऊं क्या

बहुत तकलीफ़ देते है तुझ से किये वो वादे
तू कह दे तो उन वादों से मुकर जाऊं क्या

बड़ी शिद्दत* से बनाया था ये आशियां* हम ने
जो तू ना आये तो मैं किसी और दर जाऊं क्या

साथ निभाने का जो जूनून था ख़त्म हो चला
अब मैं* भी नई मंजिल की डगर जाऊं क्या

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16 MAR 2021 AT 23:53




तलब थी ज़मी पे चाँद देखने की हम्हे
उठा कर नज़र आप से बात की हम ने

यु तो गुज़र रही थी तश्ली से जिंदगी
याद कर एक चेहरा लंबी रात की हम ने

नहीं मुमकिन जो आप से रूबरू हो पाना
आईने में तस्वीर लगा मुलाकात की हम ने

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24 DEC 2020 AT 16:52


जो एक उम्र जीना है तो मौत से प्यार करे
जो जीते जी मरना हो तो किसे प्यार करे

बिक रहे है ख़ुदा और भगवान भी शहर में
तो उसके बनाये बंदों पर कैसे एतबार करे

वो *शख्स* मुस्कुरा कर हुआ था जुदा हमसे
उसके लोट आने का क्या ख़ाक इंतज़ार करे

कभी महफ़िलो का *चिराग* कहते थे लोग *हमें*
अब वो बीती बातें भी क्या हम यार करे

मतलब तक रहनुमा समझने वालों की नहीं कमी
अब ऐसी दुनिया से अरुण कैसा व्यवहार करे

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22 DEC 2020 AT 7:11

तेरे शहर वाले कहते है शहर में ठंडक बहुत है
मुझे ज़िमेदारियो की गर्मी ने ये एहसास ना होने दिया

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20 DEC 2020 AT 23:34

उम्मीदों की गठरी हम ने बड़ा ली उसकी ख़ता क्या
हम ख़ुद से ही मर गए की कत्ल हुआ पता क्या

जब गुनहगार कोई हुआ ही नहीं किसी को क्या कहे
यु ख़ुद में टूट कर बिखर जाने पर किसी को सजा क्या

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24 NOV 2020 AT 16:52

सफ़रनामा शुरू मंजिल ऐ-इश्क़ को पाने का
ना जाने क्या हाल हो आगे इस दीवाने का

ख़ुद ही छलक रही है शराब तेरी याद में
क्या कसूर है इसमें मयख़ाने के पैमाने का

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23 NOV 2020 AT 12:33

अब वक़्त कम है आँखों में इंतज़ार के लिए
ये ठहरी हुई है सिर्फ तेरे दीदार के लिए

ये धड़कने कब की थम चुकी होती मेरी
अगर चल रही है अब भी तो तेरे प्यार के लिए



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18 NOV 2020 AT 0:10

मोह्बत की फ़ितरत से जो अनजान रहा
उम्र भर वो शक्श यु ही परेशान रहा

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14 SEP 2020 AT 18:06

आँखों में आँखें डाले हम दोनों ठहरे रहे
मुझ पे तेरे तुझ पे मेरे इश्क़ के पहरे रहे

बंध गए प्रेम बंधन में अब हम सिर्फ तेरे रहे
जीवन सफर के साथी अब तुम मेरे रहे

वक़्त को कुछ थम सा जाना चाहिए
ऐसे कुछ ख़्याल आज मेरे रहे

चेहरे पे मुस्कान ये हमेशा यु ही बनी रहे
चाहता हूँ तु दिल से मुस्कुराये जब साथ मेरे रहे

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