बहुत थक चुका हूँ मैं* अब ठहर जाऊं क्या
मुक्कमल हो ना पाया अधूरा मर जाऊं क्या
बहुत तकलीफ़ देते है तुझ से किये वो वादे
तू कह दे तो उन वादों से मुकर जाऊं क्या
बड़ी शिद्दत* से बनाया था ये आशियां* हम ने
जो तू ना आये तो मैं किसी और दर जाऊं क्या
साथ निभाने का जो जूनून था ख़त्म हो चला
अब मैं* भी नई मंजिल की डगर जाऊं क्या
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