।।मै खुद पर एक ग्रंथ लिखूंगा
कोई भूल ना पाए ऐसा अंत लिखूंगा ।।-
बेपर्दा करता हूं जज्बात आज,
जो आज तक तुझसे कहे ना।
बना ले मुझे अपना अर्तागल,
और बन जा मेरी हलीमा।-
पहली बात और पहली मुलाकात यादगार हो गया ,
क्या पहली मुलकात मे उनसे प्यार हो गया।
जब ऐसा है तो जरूर ही कुछ खास बात है उनमें,
वरना बेवजह कोई इतना बेताब नही होता।-
ऐ बातें सिर्फ कविताओं मे लिखी हुई अच्छी लगती है।
वास्तव मे ऐसा नहीं होता है।-
तुम सुबह -ए-बनारस मैं ठहरी गंगा घाट
तुम शाम-ए-अवध मैं ठहरी सरयू घाट
तुम अंदाज़-ए-लखनऊ मैं ठहरी नवाबी तहजीब
तुम रात-ए-मुंबई मैं ठहरी जुहू बीच।।-
सबसे खुबसूरत होता है,
एक तरफा प्यार.....।
ना पूरा होने की ख्वाइश,
ना अधूरा रहने का ग़म ।
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Dear Balu sir,
You may have left this temporal world,
But your immortal voice will stay in our hearts
Forever and ever.
We will preserve your
Spellbinding voice deep inside,
Never letting it die
To relish its enchanting beauty again and again.
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