छोड़ कर किसी गजरे का श्रींगार
वो देश के लिए अकेला चला है
नज़रअन्दाज़ कर अपने नन्हें से जान की मीठी सी पुकार
वो देश के लिए अकेला चला है
छोड़ कर वो ममता, वो आँचल
छोड़ कर अपनी माँ का प्यार
वो देश के लिए अकेला चला है
परेशान हो तुम अपनी ज़िन्दगी से,
तुम्हारी ख़ुशी के लिए छोड़ कर अपना परिवार
वो देश के लिए अकेला चला है |-
मिली आज़ादी फिरंगीयों से कब की,
यह देश हमारा भीतर बैठे दुश्मनों से आज़ाद रहे,
शामिल है जिस किसी का भी
खून वतन की आज़ादी में,
वह बलिदान हम सबको याद रहे,
और हम रहे या ना रहे,
यह देश हमारा हमेशा आबाद रहे ।
जय हिन्द !!-
मिल जाए मुझसे बेहतर कोई यार दूजा
तो बेशक भूल जाना मुझे,
तुझे इजाज़त है|
मगर तू मेरी यादों में हमेशा अमर रहेगी,
तू ही मेरी ईबादत है|-
तुम निकले हो आसमान छुने
खबर ना रखना नीचे गिर जाने की ,
कामयाबी मिलेगी एक दिन ज़रूर
जज़बा रखना बस तुम अपने लक्ष्य के लिए मर-मिट पाने की |-
तुम इश्क लिखो
मैं उन वीरो की शहादत लिख जायूँगा
तुम मोहब्बत लिखो
मैं उन वीरो की वतन-ए-ईबादत लिख जायूँगा |-
सोने की चिड़ीया यह देश हमारा,
आज वो खोया हुआ सम्मान वापस आया है
छाती हमारी चौड़ी कर,
आज वो अम्बर का ग्यान लाया है
अरे गर्व से आँखे उठाकर देखो आसमान में,
हमारा चन्द्रयान आया है |-
गली-मोहल्ले अब इनके लिए असुरक्षित दिखते हैं
भला चंद पलो की खुशी के लिए ना जाने कैसे यह हवसी दरिन्दे बिकते हैं
वो भी तो किसी की बहन थी, थी किसी की जननी
क्या उसे अपने कर्मो का यही परीणाम मिला
कितनो की ज़िन्दगियाँ यूँ ही लूट गयी
आखिर क्या दोश था उनका
आखिर क्योँ उन्हें जीते-जी शमशान मिला |-
उसकी रक्त का कतरा-कतरा
वतन-ए-हिफाज़त में लुट गया,
किसी माँ की कोख सुनी हो गयी,
मिट गया सिन्दुर किसी सुहागन का,
किसी का कंगन टूट गया |-
पत्थर भी तैर उठे पानी में,
कुछ ऐसा अनमोल इनका नाम हैं
परम पूज्य परम कृतज्ञ,
कुछ ऐसे हमारे मर्यादा पुरूषोत्तम
भगवान राम हैं |-