मैं खुद को लिखता हूँ,
मैं तुमको लिखता हूँ,
शायद मैं लिख ना पाऊं किसी और ज़ुबान में,
मैं हिंदी में अपनी बात लिखता हूँ ।
मैं नज़्म लिखता हूँ, शायरी लिखता हूँ,
मैं हिंदी में अपने हालात लिखता हूँ ।
हिंदी हूँ, हिंदुस्तान से हूँ,
मैं हिंदी में अपने जस्बात लिखता हूँ ।-
Rounak Kumar
(रौनक कुमार)
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Joined 19 February 2022
14 SEP 2022 AT 17:45
15 AUG 2022 AT 2:16
मिली आज़ादी फिरंगीयों से कब की,
यह देश हमारा भीतर बैठे दुश्मनों से आज़ाद रहे,
शामिल है जिस किसी का भी
खून वतन की आज़ादी में,
वह बलिदान हम सबको याद रहे,
और हम रहे या ना रहे,
यह देश हमारा हमेशा आबाद रहे ।
जय हिन्द !!-