Rounak Kumar   (रौनक कुमार)
30 Followers · 3 Following

I feel. I compose. I write. I express.
#rk_speaks
Joined 9 September 2017


I feel. I compose. I write. I express.
#rk_speaks
Joined 9 September 2017
9 DEC 2021 AT 23:07

यूँ ही एक पल में मेरा दिल ना टूटा था,
उसने बेवफाई कर तोड़ दिया

मैं तो यूँ ही मज़ाक-मज़ाक में रूठा था,
उसने मनाना ही छोड़ दिया ।

-


7 MAR 2021 AT 11:49

सोचते हो तुम उतना तो बुरा नहीं हूँ मैं,
आखिर क्यों यह गलतफहमियां पाली जा रही है ।

इतने का तो मैं हकदार नहीं ऐ जिदंगी,
जितनी आह मुझ पर उछाली जा रही है ।

मैं सही हूँ यह मैं और मेरा खुदा जानता है,
फर्क नहीं पड़ता कि महफिलों में मेरी गलतियां निकाली जा रही है ।

-


7 FEB 2021 AT 19:53

मेरे लिए काफी है तुम्हारी नशीली आँखे,
मैं मदहोश हो जाने को वो शराब ना लूंगा |

और मुझे माफ करना जानेमन !
मेरी मोहब्बत इतनी सस्ती नहीं,
मैं तारीख देख कर तुम्हारे लिए गुलाब ना लूंगा |

-


20 OCT 2020 AT 1:19

चंद दिनों की थी दोस्ती हमारी,
इस दिल ने तुझे काफी जल्द अपना बना दिया

हर पल तेरा ही ख्याल आता था,
तुझे दिन का ख्वाब रात का सपना बना दिया

मगर फिर भी तुझे मेरी वफ़ा नज़र ना आई,
मैं जिसे हकीकत समझ बैठा था तूने उसे कल्पना बना दिया

-


14 OCT 2020 AT 13:23

एक तेरी ही तलब मुझे,
एक तेरी ही रुसवाई का मलाल है मुझको |
तुझको तो मेरी ज़रा भी फिक्र ना थी,
मगर जाने क्यों अब भी तेरा ख्याल है मुझको |

-


15 AUG 2020 AT 11:52

सातों सागर स्याही कर दो फिर भी कम है
मेरी देश की महानता बताने को,
मेरे शब्द मेरे अल्फाज़ कम से लगते हैं
अपना देश प्रेम दिखाने को,
तुम एक दिन की देशभक्ति में खुश रहना,
यहाँ जिंदगी कम लगती है अपनी
मिट्टी का एक प्रतिशत कर्ज़ चुकाने को |

-


16 JUN 2020 AT 18:21

वो पास आना चाहता था,
तुम उसे खुद से दूर करते हो,
कभी हंस ना सके तुम दो पल उसके साथ,
आज उसकी मौत पर रो कर
तुम खुद को मशहूर करते हो |

-


14 JUN 2020 AT 14:08

कुछ अनोखी सी थी मोहब्बत हमारी,
कुछ अनोखे से हमारे अफ़साने हैं,
मैं तो हर रोज़ मिलना चाहता था उस से,
मगर ना मिलने के उसके पास लाख बहाने हैं |

-


8 JUN 2020 AT 12:55

मेरा उगता सूरज तुम,
मेरी बदलती तकदीर हो तुम,
एे मेरी कलम !
मेरी शमशीर हो तुम |

-


10 MAY 2020 AT 12:36

तेरी खुशहाली मांग लूँ हर दुआ में,
माँ,वो मन्नत हो तुम,
बहुत देख ली मैनें यह जहन्नुम सी दुनिया,
माँ,घर पर जन्नत हो तुम |

-


Fetching Rounak Kumar Quotes