यूँ ही एक पल में मेरा दिल ना टूटा था,
उसने बेवफाई कर तोड़ दिया
मैं तो यूँ ही मज़ाक-मज़ाक में रूठा था,
उसने मनाना ही छोड़ दिया ।-
#rk_speaks
सोचते हो तुम उतना तो बुरा नहीं हूँ मैं,
आखिर क्यों यह गलतफहमियां पाली जा रही है ।
इतने का तो मैं हकदार नहीं ऐ जिदंगी,
जितनी आह मुझ पर उछाली जा रही है ।
मैं सही हूँ यह मैं और मेरा खुदा जानता है,
फर्क नहीं पड़ता कि महफिलों में मेरी गलतियां निकाली जा रही है ।
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मेरे लिए काफी है तुम्हारी नशीली आँखे,
मैं मदहोश हो जाने को वो शराब ना लूंगा |
और मुझे माफ करना जानेमन !
मेरी मोहब्बत इतनी सस्ती नहीं,
मैं तारीख देख कर तुम्हारे लिए गुलाब ना लूंगा |-
चंद दिनों की थी दोस्ती हमारी,
इस दिल ने तुझे काफी जल्द अपना बना दिया
हर पल तेरा ही ख्याल आता था,
तुझे दिन का ख्वाब रात का सपना बना दिया
मगर फिर भी तुझे मेरी वफ़ा नज़र ना आई,
मैं जिसे हकीकत समझ बैठा था तूने उसे कल्पना बना दिया
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एक तेरी ही तलब मुझे,
एक तेरी ही रुसवाई का मलाल है मुझको |
तुझको तो मेरी ज़रा भी फिक्र ना थी,
मगर जाने क्यों अब भी तेरा ख्याल है मुझको |-
सातों सागर स्याही कर दो फिर भी कम है
मेरी देश की महानता बताने को,
मेरे शब्द मेरे अल्फाज़ कम से लगते हैं
अपना देश प्रेम दिखाने को,
तुम एक दिन की देशभक्ति में खुश रहना,
यहाँ जिंदगी कम लगती है अपनी
मिट्टी का एक प्रतिशत कर्ज़ चुकाने को |
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वो पास आना चाहता था,
तुम उसे खुद से दूर करते हो,
कभी हंस ना सके तुम दो पल उसके साथ,
आज उसकी मौत पर रो कर
तुम खुद को मशहूर करते हो |-
कुछ अनोखी सी थी मोहब्बत हमारी,
कुछ अनोखे से हमारे अफ़साने हैं,
मैं तो हर रोज़ मिलना चाहता था उस से,
मगर ना मिलने के उसके पास लाख बहाने हैं |
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मेरा उगता सूरज तुम,
मेरी बदलती तकदीर हो तुम,
एे मेरी कलम !
मेरी शमशीर हो तुम |-
तेरी खुशहाली मांग लूँ हर दुआ में,
माँ,वो मन्नत हो तुम,
बहुत देख ली मैनें यह जहन्नुम सी दुनिया,
माँ,घर पर जन्नत हो तुम |-