किसी के इश्क़ में बर्बाद हुए तो क्या हुए,
पीके आँसुओ को शादाब हुए तो क्या हुए।
मजा तो तब है कि जब सामने हिलोरें लेती,
समंदर की लहर हो रूप इक विकराल लेती,
मगर ये बांजुएँ चलती रहे ये नाव खेती,
स्वयं त्रिकाल तुमसे पूँछे कि कहाँ ठिकाना है..
हो निर्भीक तुम ये कह सको, कि चलते जाना है।
हो निर्भीक तुम ये कह सको ,कि चलते जाना है।
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