यूँ सज- धज कर न आया करो, नित -रोज नए परिधानों में...
इक बहार सी आ जाती है, इन सूखे बागानों में!-
रोज़ सोचता हूँ कि छोड़ दूँ मोहब्बत,
पर तुम्हे देखते ही मिज़ाज बदल जाता है..❤️
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तू ख्वाबों में न आया कर, ये नींदे भी चुराने को,
कि तुझको चाहते हैं हम सुबह से साम,काफी है।
तुम्हारी याद में दिन-रात मयखाने थोड़ी जाना,
बस इन आंसुओं के साथ एक- दो जाम काफी है।
वो करना चाहती है रुसवा सरे बाजार में हमको,
हम वैसे ही शहर में बदनाम काफ़ी है।
बेवफा, मतलबी, अनाड़ी, खुदगर्ज..
अरे अब बस भी करो, ये इल्ज़ाम काफी है।
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तू फिर से लौट कर आए ये तमन्ना नही मुझको,
तेरे इस चाँद से चेहरे का बस दीदार काफी है।
तू मुझको चाहती है या नही इस सब से क्या मतलब,
मैं तुझको चाहता हूँ बस यही इक बात काफी है।-
Sorry everyone whom i hurt unknowingly..
You all keep smiling as you are..
Stay blessed and be happy..
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वो कहती है मेरी दुनिया मेरी है साँस तू ही है
मेरी हर आस तू ही है, मेरे जो खास तू ही है
कभी ढँक लेती गलती को, कभी पर्दे हटाती है
कभी जो रूठ जाऊँ तो मुझे झट से मनाती है
समझ न पाया अबतक मैं जिसे, वो इक ऐसी सहेली है
मेरी माँ इक पहेली है, मेरी माँ इक पहेली है!
कभी कहती है काले साए भ्रम है और मिथ्या है
मगर हर साम ढलते ही नज़र मेरी उतारी है
जो पूंछू मैं अभी कहती थी ये सब तो फ़साने है
डपटकर कहती न समझेगा ये सब दुनियादारी है
मेरे सर पर भरे आशीष से वो इक हथेली है
मेरी माँ इक पहेली है, मेरी माँ इक पहेली है
हूँ मैं कुछ दूर उनसे फिर भी दुआएं साथ चलती है
भले हो मुश्किलें जितनी मुझे महफूज रखती है
मुझे पूछे है वो हर रोज़ ,बेटा क्या बनाया है?
तेरे इन नन्हे हाँथो ने क्या कोई स्वाद पाया है?
क्या बतलाऊँ ये सब तो मेरी इक मजबूरी है
तेरी ममता भरी इक छौंक के बिन सब अधूरी है
मोम है उसका दिल फिर भी ये दिखलाती पथरीली है
मेरी माँ इक पहेली है, मेरी माँ इक पहेली है
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हम शर्मिंदा है
हम शर्मिंदा है कि तुम्हे बचा न सके
भूख की हद तक जाने से,
हम शर्मिंदा है कि तुम्हे उठा न सके
मौत के सिरहने से,
हम शर्मिंदा हैं..😢😢😢-
अगर तुम सोचते हो भीड़ का इक रूप बन कर के,
किसी की बात को अपनी शोर के साए में धर लोगे!
तो सुन लो जिस दिन वो आवाज भी इक भीड़ बन बैठी,
तुम्हारे मन मे उठे बवंडरों को वो भी दबाएँगे!
अगर यूँ ही एक दूसरे की आवाज़ें दबाओगे,
पढ़े लिखे होकर भी तलवारें चलाओगे,
तो नरभक्षी गीदड़ों में और तुममे फर्क क्या होगा..?
हो जाहिल तुम ये कहने में हमें कुछ हर्ज़ न होगा..
संभल जाओ की अब भी वक़्त है फिर खबर न पाओगे..
ये ऐसी चोट है कि खुद पे आई तो उबर न पाओगे!
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I can't prove myself better for everyone.🙏
But I'm the best for those who understand me.🙏🙏😎
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