"Everyday I wonder who is my new owner.. Every morning they search for me and claims me and my heart quivers at the bitter truth of my life. The warmth of their hands would terrify me to death. The smell of the white powder that they are addicted to,haunts me every now and then. The white sheets stained with my blood. And at times, they flutter me to de-clot my blood. Its my fate.. Years passed I have become a sign of fault....a sign for rectification! ...."-------the red pen sighs!!!!
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ज़िंदगी से लड़ते लड़ते हर एक ज़िन्दा टूटता है।
हिम्मत परिंदे की न टूटे तो एकदिन पिंजड़ा टूटता है।
दुआ अक्सर उसी की कुबूल होते देखा है मैंने।
देखा है जिसने की , आसमां से सितारा टूटता है।
पैड़ी पर भीख माँगता वो एकबार भी नही टुटा।
कौड़ी देने से कतराता, हर एक इन्सां टूटता है।
डोरी से बंधी पतंग, बड़े मौज से उड़ती है।
द्वेष से जब काटे कोई, साथ तब ही टूटता है।
बहुत लोग बैठा करते थे छाँव में उसकी, द्वेष न था।
लोगो के रस्ते में आता है पेड़, तब ही टूटता है।
किसीकी बेरुख़ी से किसीको कोई फर्क नही पड़ता।
खून के रिश्ते जब तीख़े हो, तब हर इंसान टूटता है।-
बुरा नहीं हूँ मैं,
मेरी भी कुछ कहानी है,
ये जो बदला बदला सा लगता हूँ
अपनों की ही महरबानी है!
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Red pen when teacher supposed to check copy if there was something wrong then he/she circle with red pen to identify the mistakes ❌
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अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाए
अब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए
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सुनो,
ये शाम भींगी भींगी सी. ये रात गहरी गहरी सी,
याद करूं तो किसे करूं, अब ये बाहें सूनी सूनी सी।।-
हकीकत बदल कर रख दी जिन्होंने कुछ ऐसे भी मैंने सपने देखे ,
कहने को जो बस साथ थे मेरे कुछ ऐसे भी मैंने अपने देखे।
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