November feels like....
Better 🖤☺️-
Just see
And say, nothing....
सहारा जो गर ना होता तेरी यादों का....
सवेरा ही ना होता फिर मेरी रातों का...!!-
आओ बैठो कभी
किसी इतवार को
मैं वैसा नहीं हूँ जैसा मिलता हूँ सोमवार को..-
पागलपन के हद से ना गुजरे वो इश्क़ कैसा
होश में तो रिश्ते निभाए जाते है-
शायद उसके रास्ते में मुझसे बेहतर लोग पड़ गए...
वो बेवफ़ा तो न थे, मगर आगे जरूर बड़ गए।
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सुनो,
ये शाम भींगी भींगी सी. ये रात गहरी गहरी सी,
याद करूं तो किसे करूं, अब ये बाहें सूनी सूनी सी।।-