QUOTES ON #RAAVAN_AAJ_BHI_JINDA_HAI

#raavan_aaj_bhi_jinda_hai quotes

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8 OCT 2019 AT 10:11

सदियां बीत गई, रावण अभी भी जिंदा हैं ,
जलाकर पुतले उसके, करते आज भी निंदा है l
पुतले जलाते, खुशियां मनातें,
गर जलाकर भी जाते,
दोहरे रूप को, ओछी सोच को;
कुत्सित विचारों को,व्यभिचारों को,
पिछड़ी मानसिकता को,
घर की चहारदीवारी तक न सिमटती तनया,
उड़ती इस उन्मुक्त गगन में, जो परिंदा है
सदियां बीत गई रावण अभी भी जिंदा हैं
आज भी रावण पल रहा हर दूसरे घर
जलाकर कुछ खास नहीं होगा,
बदलनी होगी सोच और नजर l
जलकर भी रावण हर बार जिंदा क्यों हो जाता है?
जलाते हम एक पुतले को,
नहीं जलाते बुराइयों को,अपने घृणित-कुंठित विचारों को l
दश-हरण न कर, पर कुछ अभिशापो का मरण कर,
तू बन किसी की खुशियां और कारण l
फिर देख रावण इस बार जो जला,
फिर नहीं जन्मेगा,
गर कर ले विजय श्री अपने मन पर,
जन्मा भी गर, बे मौत मरेगा l
पर किसी बेटी-सीता के हरण का दुस्साहस ना करेगा,
बे मौत मरेगा, बे मौत मरेगा l

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21 MAY 2020 AT 15:37

रोशनी से मेरा पहचान पूछते हो,
मैं अंधेरे का प्रतीक हूँ।
रावण कहते है मुझे,
औऱ मैं लाखों मे एक हूँ ।।
___Raavan___

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Hazaro raavan nikle the
Kal ek putla jalane...

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13 OCT 2019 AT 20:42

कलयुग की इस धरती पर
राम के गुण गाते हैं सब
ना है इनमें राम के गुण
फिर भी हर साल रावण जलाते सब।

माना रावण हारा था श्री राम से
पर था वो भी परमज्ञानी
महाकाल का महाभक्त था
अत्यंत वीर, कुल रक्षक प्राणी।

राखी के मोह में बंधा वो भाई
छल से हर ली सीता जिसने
सूर्पनखा का मान रखने को कर दी गलती
लगा दी दांव पर लंका उसने।

हर ली सीता को भी अछूता रखा
दिखाई अपनी मर्यादा उसने
और मर्यादा पुरुषोत्तम वो कहलाएं
सीता से अग्नि परीक्षा मांगी जिसने।

कालचक्र के इस कलयुग में
ना बनना मुझे राम सतयुग का
ज़िद, घमंड है जचता मुझपे
हां... खुश हूं बनके रावण इस युग का।

मै हूं वो रावण जो दूसरों से पहले
अपनों को चुनता है
हां हूं मैं रावण जो इस युग में भी
अपनी बहन की सुनता है।

दशनांद सा गुस्सा मुझमें
थोड़ा ताकतवर, थोड़ा ढीट हूं
बन जाओ दुनियावालों तुम राम
मैं बनकर रावण ही ठिक हूं।

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13 OCT 2019 AT 20:36

जिनके होने से खुद को मुकम्मल मानता हूं,
रब के बाद सिर्फ अपने मां - बाप को जानता हूं।।
उड़ा के नींद आंखों की, सीने से लगा के सुलाया जिसने,
उन आंखों में चमक, होठों पे मुस्कान चाहता हूं,
रब के बाद सिर्फ अपने मां - बाप को जानता हूं।।
कंधे पे बिठा घुमाया जिसने, खुद से पहले खिलाया जिसने,
उन बाजुओं की ताकत बनने की औकात चाहता हूं,
रब के बाद सिर्फ अपने मां - बाप को जानता हूं।।
हुई बहुत सी गलतियां मुझसे फिर भी प्यार से समझाया जिसने,
उस प्यार और दुलार का एहसास बारंबार चाहता हूं,
रब के बाद सिर्फ अपने मां - बाप को जानता हूं।।
जो हाथ रहे हमेशा सर पर मेरे
ज़िन्दगी भर उन हाथों का साथ चाहता हुआ,
रब के बाद सिर्फ अपने मां - बाप को जानता हूं।।
जिसने मांगी ज़िन्दगी भर की खुशियां मेरे लिए,
अब बस उनकी सलामती की दुआ मांगता हूं,
रब के बाद सिर्फ अपने मां - बाप को जानता हूं।।

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