ऐ रात थोड़ा थम-थम कर गुजर न,
आज उनका और मेरा सफर याद आया है,
और चाँद तू भी हो जा न पूरा कुछ देर के लिए,
मुझे आज याद अपना चाँद आया है,
हवाओं यूँही चलती रहो होले-होले से तुम,
और बारिश को कहो खनक ने उन्हें बुलाया है,
ख़ुशबू फैलाते रहो फूल अपनी तुम भी,
याद में ही सही उनका अहसास तो आया है,
ऐ रात थोड़ा थम-थम कर गुजर न🙏🙏
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