बुरा नहीं हूँ,
"बुरा" नहीं हूँ, बना दिया गया हूँ मैं।
ज़रूरतें ख़त्म होते ही, मिटा दिया गया हूँ मैं,
सब कहते हैं के अब हद्द हो गई है,
मैं कहता हूँ के हद्द से भी ज़्यादा गुज़र गया हूं मैं,
और "मैं" क्या कहूँ उन्हें जिन्हें
अब मेरी हर बात बुरी लगती हैं,
लगने दो, जितना सुधरना था सुधर गया हूँ मैं,
मैंने मेरे अपनों में देखे हैं कई पराये चेहरे,
अपनों के बीच ही आज अज़नबी जो गया हूँ मैं,
चले आना तुम भी एक बार आज़माने मुझे,
मुझे भी बता जाना कितना बदल गया हूँ मैं,
बुरा नही हूँ, बना दिया गया हूँ मैं।
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