ज़िन्दगी के सफर में, हर किसी से रिश्ता बनाये रखो,
न रखो कभी, तो उनसे कोई उम्मीद न रखो,
हर इंसान यहाँ तक़दीर का मारा है,
कोई उम्मीद रखो, तो ख़ुद से उम्मीद रखो।।-
की हर पल मेरे साथ ही रहना,
हाँ मैं यहीं हूँ तुम्हारे पास कहकर,
तुम कहीं और चल ना देना।
निभाओगी साथ मेरा,
मेरी आख़िरी सांस तलक़,
ये वादा करना
और फिर तोड़ ना देना।-
Smiling in pain in front of that person who is responsible for that.
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बड़ी कश्मकश में है ज़िन्दगी,
लोग कहते हैं मुझे
काम के सिवा कोई काम ही नहीं।-
ग़लत को ग़लत कहियो न, चाहे कह लीजियो भूल,
पानी से कुछ होत नाही, झोंक दियो जब धूल।
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आज वक़्त मेरी घड़ी में जैसे क़ैद हो गया है,
भागता है ये, जब तुम्हारे साथ होता हूँ।-
कभी कभी लगता है कि मैं भाग रहा हूँ। खुद से, खुद के हालातों से, इस बेईमानी दुनिया से भाग रहा हूँ, लेकिन कहीं पहुंच नहीं पा रहा हूँ। मैं बहुत तेज़ भागता हूँ, उस बहुत से भी बहुत तेज़ भागता हूँ, लेकिन जब नज़रें उठा कर देखता हूँ तो अहसास होता है कि मैं एक ही जगह पर भाग रहा हूँ। फिर मेरा, मेरे ही लिए, ये भागना भी बेईमानी लगता है। मैं जिस चीज़ से भाग रहा हूँ उससे पीछा ही नही छुड़ा पा रहा हूँ, क्योंकि मुझे जिससे भागना है वो मेरे ही अंदर है। अब मैं ख़ुद से कैसे भागूँ? जहाँ कहीं भी जाता हूँ ख़ुद को और ख़ुद के साथ उसे भी साथ ले जाता हूँ।
तुम्हारे पास कोई तरक़ीब है तो बताओ की मेरा ये भागना बंद हो। वैसे कभी तुम भागे हो ख़ुद से?-