It was the smell of the perfume
on his skin that made it beautiful-
कुछ लोग Perfume की तरह होते हैं...
कब मिलते हैं कब उड़ जाते हैं पता ही नहीं चलता..
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रोम रोम को ,,महका दे जो
वो ऐसा पावन इत्र हूँ मैं
दिल से जो भी अपना माने
उसका सच्चा मित्र हूँ मैं
तन्हाई जो, दूर करे हर-दम
ऐसा मन का मीत हूँ मैं
शुष्क लब भी शहद बना दूँ
ऐसी मधुर मुस्कान हूँ मैं
कर आलिंगन सुकून हूँ देता
जादू की वो झप्पी हूँ मैं
रोम रोम को ,,महका दे जो
वो ऐसा पावन इत्र हूँ मैं-
वो मेरे लिए था एक सर्द हवा का झोंका
जब पास से गुजरा मुझे शीतल कर गया-
अपने ज़ेहन में मुझे रखकर
तुम घर से ना निकला करो
ज़माने भर को ख़बर हो जाती है
मैं तुम में इत्र की तरह महकता हूँ
- साकेत गर्ग-
Your fragrance on me,
gives the world a
little whiff of our love.
Pungent, it may seem.
Yet, too little too pure.
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ख़्वाबों में तुम, यूँ आया ना करो
आओ तो तुम, यूँ जाया ना करो
ख़्वाबों में भी हकीक़त की तरह
ऐसे तुम हमें, यूँ सताया ना करो
नीन्द भी हमारी, ख़्वाब भी हमारे
'फ़ोकट' में तुम, यूँ आया ना करो
जो बिन बुलाये यूँ, आ जाते हो
कभी 'टोल' भी तो चुकाया करो
धीरे से माथे को कभी चूमकर
हाथों से अपने, सहलाया करो
कभी गालों पर मेरे गाल लगाकर
'वाय डोंट यू शेव', चिल्लाया करो
कभी बालों में मेरे, यूँ हाथ फेरकर
अपनी उंगलियाँ वहाँ फँसाया करो
कभी मेरे ही कान, यूँ पकड़ कर
मुझसे ही 'सॉरी' बोल जाया करो
हाथों पर मेरे अपना सर टिकाकर
कुछ देर बच्चे-सा, सो जाया करो
मेरी शर्ट पर लगा परफ़्यूम सूँघ कर
आँखों से कुछ इशारे दिखाया करो
और कुछ आता हो न आता हो तुम को
ऐसे ही, बेवज़ह ही, यूँ ही शर्माया करो
ना छेड़ा करो हमें ना हमें चिढ़ाया करो
ख़्वाबों में सिर्फ, इश्क़ ही लड़ाया करो
- साकेत गर्ग-