QUOTES ON #PARYUSHAN_PARV

#paryushan_parv quotes

Trending | Latest
3 SEP 2019 AT 9:56

अच्छे करो कर्म
और बोलो,
अहिंसा परमो धर्म 🙏

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23 SEP 2018 AT 23:20

जाने अनजाने में
भूल से, नादानी में,
मेरे कहें गये शब्दों से
मेरे अनुचित व्यवहार से,
आपके मन को ठेस पहुँची हो ..,

इसके लिए मैं आप सभी से
मन वचन काय से क्षमा चाहती हूँ ।।

🙏 मिच्छामी दुक्क्डम् 🙏

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4 SEP 2019 AT 7:53

उत्तम मार्दव

क्यों रहते हो उदास,
क्यों होते हो कठोर,
क्यों बनते हो सख़्त,
जब निर्मल स्वभाव से होते हैं काम,
तो अहंकार का क्या परिणाम,
अहंकार त्यागो, निर्मल बनो।

आप सभी को उत्तम मार्दव की हार्दिक शुभकामनाएं

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3 SEP 2019 AT 13:57

दिल में जो भी है
क्रोध की शमा
आओ उसे मिटाने कहे
उत्तम क्षमा🙏

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29 AUG 2017 AT 23:33

मैं रूठा ,तुम भी रूठ गए
फिर मनाएगा कौन ?
आज दरार है,कल खाई होगी
फिर भरेगा कौन ?
मैं चुप,तुम भी चुप
इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ?

छोटी बात को लगा लोगे दिल से ,
तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?
दुखी मैं भी और तुम भी बिछड़कर ,
सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?

न मैं राजी,न तुम राजी ,फिर माफ़ करने का बड़प्पन दिखाएगा कौन ?
डूब जाएगा यादों में दिल कभी,तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?

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30 AUG 2020 AT 10:24

इखट्टा कर रहे है वर्षो से😊,
कुछ छोडना जरूरी है
दान करें द्वि 👐हाथ खोलकर
त्यागना भी जरूरी है
वक्त 🕚छीने कुछ उससे पहले,
खुद छोड़े तो अच्छा👌 है
संसार 🌍कषाय त्याग करके,
वीर बन जाय तो अच्छा है।

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23 AUG 2020 AT 15:25

May this paryushan parv Bring you
Happiness nd prosperity .
May we all get self - purification and uplift so that we can adhere the ten universal virtues in our practical life successfully .!


Happy Paryushan Parva..🙏

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14 AUG 2020 AT 21:04

कल से हो रही है पर्युषण पर्व कि शुरुआत,
जैन धर्म का सबसे बड़ा यह पर्व है विख्यात।
अपने दिल से सारे मैल को साफ़ करने का दिन है आया,
औरों के भूल को दिल से माफ़ करने का दिन है आया।
अपने भूल को बिना स्वार्थ के मानने का दिन है आया,
क्षमा मांगने से कोई छोटा नहीं हो जाता यह जानने का दिन है आया।

पर्युषण के शुरुआत से पहले सभी को तहे दिल से ख़मत ख़ामणा।
मिच्छामी दुक्कडम🙏

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3 SEP 2020 AT 9:19

#क्षमावाणी पर्व #

आओ आज के महापर्व पर इक नया कदम उठाते हैं
पिछली गलती गुस्सा झगड़ा यहीं सब भूल जाते हैं
क्षमावाणी के इस उत्सव पर क्षमा याचना करते हैं
स्नेह प्रेम वात्सल्यमय नवजीवन स्थापित करते हैं

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26 AUG 2020 AT 10:27

लोभ आशा छोड़ के अब,
आत्मय मे संतोष धरे
मुख मोड़ चहुँ कषायों से,
अन्तरंग शुद्धि करे
तन न्हवन करके भी क्या,
अनादि से मलीन है
मन की शुद्धि शुचि भावों से,
आत्मा निर्मल करे

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