तुम जो गयी मेरा साथ छोड़ कर।
यारों ने मुझे संभाल लिया।
तुमने दिए जितने भी ग़म।
यारों ने सब मिलाकर बाट लिया।-
ईद पर मिलने के लिए उसने हरा लिबास जो पहना।
आफताब की लालिमा भी मद्धम पड़ गयीं।
मैं उससे मिलने वाला ही था कि बजरंग दल वालों की नज़र पड़ गयी।-
कुछ तो खामियां रही होंगी मेरे अंदर
वरना यूँ अपने साथ छोड़कर न जाते
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"लड़का जो हूँ"
ज़िम्मेदारी से मुह मोडू तो कैसे मोडू "लड़का जो हूँ"
आंखों से आंसू कैसे निकाल दूं "लड़का जो हूँ"
पलट कर जवाब कैसे दूँ "लड़का जो हूँ"
समाज के तानों को सहकर भी कुछ न बोलना "लड़का जो हूँ"
रिश्तों को निभाना ,बिना गलती के सॉरी भी बोलना केवल इसलिए "लड़का जो हूँ"
हे भगवान अगर इतना दर्द है लड़के की ज़िंदगी मे तो अगले जनम मोहे बिटिया कीजै।🙄-
जो तुम ज़िंदगी में आये ही ना होते...
बेमतलब तुमसे इश्क़ करने की गलती कर बैठे...!!-
है,
हाँ अभी भी चाहत है..
तुम्हें जान से ज्यादा चाहने की,
तुम्हें बेपनाह प्यार करने की,
तुम्हें सीने से लगाने की,
लेकिन ये चाहत, चाहत बन कर रह गयी..
काश! ये चाहत, चाहत ना होती...!!-
कभी बर्बाद होना था, कभी बदनाम होना था,
हमारी आशिकी का यही अंजाम होना था...
मेरे अश्कों की रूसवाई, मशहूर है जमाने में,
तुम्हारी बेवफ़ाई का चर्चा भी आम होना था...!!-
कुछ करके दिखाओ..
अपने मंजिल को पाने में लग जाओ,
वक्त मत गँवाओ...
ये वक्त दोबारा नहीं आयेगा,
सपने को पूरा करने के लिए कुछ भी कर जाओ...
लेकिन वक्त मत गँवाओ...!!-