हर सुबह उठता और एक सवाल करता खुद से,
कि आज मैं कुछ कर जाऊं क्या
ये बेचैनी, ये तन्हाई, मुझे अंदर ही अंदर खा रही
बताओ ना नवीन, मैं मर जाऊं क्या
उम्मीद नहीं बची अब इस जिंदगी में,
ख़ामोश बहुत रह चुका मैं
फ़रेब है यह दुनिया,
और यह सब बहोत सह चुका मैं
पुरा शहर, मैं आज भी धुंधता हूं तुम्हें
मान हार, अब मैं ठहर जाऊं क्या
शायद अब हार ही चुका हूं जिंदगी से
बताओ ना नवीन, मैं मर जाऊं क्या-
21 SEP 2020 AT 21:13
3 MAY 2020 AT 16:37
कल तक बहोत रूलाया तुने,आज तू खुद ही हंसा रही है
नाटक ही सही,पर फिर से अपनेपन का एहसास करा रही है
पर अब फंसने वाला नहीं है नवीन तेरे इस चक्कर में
रूबरू है तेरी हरकतों से, भले तू खुद को शरीफ़ दिखा रही है
जा जिस्म के व्यापार को प्यार कह
छोड़ मुझे रकीब का एतबार कर
बिकाऊ है तू, औकात तेरी है दो कौड़ी
बहुत हुआ ड्रामा चल हट बेन की लौड़ी-
4 MAY 2020 AT 6:02
ओ माँ तू कहाँ है,
तेरा लाडला यहाँ है
प्यार की बाज़ी हार गया हूँ मैं
आ फिर से मुझे अपने आँचल में समेट ले
इस मतलबी दुनिया से दूर ले चल मुझे
अपनी गोद में थोड़ी सी जगह दे मुझे
तेरा प्यार ही मेरा जीवन है
तेरा प्यार ही मेरा सब कुछ है
ओ माँ तू कहाँ है
तेरा लाडला यहाँ है-