Muzaffarpur (Bihar) India🇮🇳
यहां के *प्रशासन* को पुरा देश सलाम कर
रहा हैं जो लोग बेसहारा थे जिनके पास
रहने के लिए कोई घर नहीं था footpath
पर रहते थे , जो रोज कमाते थे रोज खाते थे
मंदिर के दान से जिते थे..😢कितने तो
ऐसे है जिनके हाथ - पैर भी नहीं है😢
उनके लिए मुजफ्फरपुर प्रशासन ने ,
*Community _kitchen* की शुरूआत
की है जो इस संकट के घड़ी में एक बेहतरीन
कदम है👍👍👍👍👌👌👌👏👏
Thku.so.much.administration of
Muzaffarpur bihar🙏🙏
जय हिंद🇮🇳🇮🇳🇮🇳-
खुदा भी देखो रो रहा है....
इन फूलों के जनाजे में...
पर सुशासन बाबू सो रहे हैं...
अपने AC वाले मकानों में...-
बड़ी मासूम थी उसकी आंखें
पैर भी कितने कोमल थे,
डर से भरा था पूरा मन,
किंचित-किंचित था उपवन,
ना घर ना गलियां ना अपने थे,
चारों तरफ था पानी-पानी,
ना कोई रंग था एक सुनहरा,
रंग-बिरंगे मौसम थे,
पूरी दूनिया भरा-पड़ा था,
पर हाथ थ़ाम ले कोई इस जग में,
ऐसा कोई एक न था,
ऐसा कोई एक न था😑🇮🇳-
DM साहब के काफिले को देखकर
ऐसा लगा, कि जैसे °खाना° आया है😍
रोड पर रह रहे हम बेसहारों का
कोई सहारा आया है🙏
पर क्या पता था कि हर बार कि तरह
इस बार भी •इन काफिलों में आए लोगों ने
पिटारा🎁 भर कर,
【बड़े-बड़े वादे और आशा लाया है】 👏👏😥
#बिहार_बाढ़-
गरीबों कि बस्ती से
साहब तेरे आव़ाज देने पर ,
ना जाने कितना भूखा दौड़ेगा😧
#बिहार_बाढ़ ●कोई तो सुन लो इन्हें●-
वो मुझसे बड़े (बड़े शर्मिंदगी झेल रहे थे)
जब मैं अपनी थाली से दो•रोटी• उठाकर
उन मासूमों को खिला रहा था ,
जिसे उन्होंने कहा कि,
जा तेरे जैसे भिखारियों के लिए
मेरे पास कुछ भी नहीं है😧
⚠ I hate this type of people😒-
आज हवाओं ने भी , मजा़क उड़ाया हैं
रोड पे ताने पन्नी को भी , चिथरा-चिथरा उड़ाया है
Ac वालें गाड़ी में बैठकर आना , आश्वासन देकर चले जाना
शायद हवाओं ने भी ये कला , उन हरामी राजनेताओ से सिखा है
जो vote मांगते समय , हाथ🙏 जोड़ पांव पकरते हैं
कुर्सी मिल जाती है जब , तब पांव पसार लात मारते है😑
#बाढ़😑-
ढलती हुई इन शामों में,
मद्धम पड़ी इन अरमानों में,
कोई तो कमी आज भी है,
थोड़ी सी नमी इन आंखों में,
आज भी है।
वो इश्क़ का इजहार,
तेरा ऐतबार, मेरा इंतजार
आज भी है।
इस दिल को तुमसे प्यार
आज भी है!!-