देख मेरी हालत मैं काफ़िर हो गयी ।
तेरे हिज़्र की मुहाजिर हो गयी।।-
12 SEP 2020 AT 20:13
11 JUN 2019 AT 11:09
ये ना जो शहर वाले फ़्लैट होते हैं ना, इनमे ना वो घर वाली फ़ील नहीं आती....
बाक़ी कैप्शन में नीचे-
24 NOV 2019 AT 9:47
तल्ख़ियां ही बरसी हैं सब मेरे लिहाज़ में
नाहक भटक रहा मैं मुजाहिर लिबास में-
6 JAN 2019 AT 10:56
Kal tak jo Kafirana ankhon se kamsin hasina thi,
Aaj woh Kafirana lehje se mujahir kehlaate hai...-