QUOTES ON #MINDMUSINGS

#mindmusings quotes

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7 JAN 2021 AT 23:51


it'd be open to let in all colours
to recompose out a single light of love.

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5 MAY 2019 AT 21:57

I may seem calm to you
on the surface,
But there is a chaos
running wild inside of my head
—missuj

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8 JAN 2022 AT 20:14


Gratitude is a thing of beauty.

And to be able to express that
despite differences and distances,
Is neither a weakness nor lack of self respect.

It is valuing a kind act more than your own ego.

It is who You are.




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1 MAY 2019 AT 23:11

बहुत यह पीर गहरी है, बड़ा वीरान अंधियारा
पहन कर राख का चोला जगा करता है अंगारा

अखिल वीरान है जगती, यहां न पथ न राही है
किसी कर्ता ने रचना से अजब ढंग से निबाही है

चली सोने स्मृतियां स्वयं, बना कर पीर को प्रहरी
पलट कर अब न आएंगी इधर यह नींद है गहरी

किसी अनुदार जलती कामना का तप्त मरूथल है
या मिलन के घाट बैठी विरक्ति का छल है?

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24 APR 2019 AT 2:11

बहुत यह पीर गहरी है, बड़ा वीरान अंधियारा

पहन कर राख का चोला जगा करता है अंगारा

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21 MAR 2019 AT 23:46

तेरे अंदाज को क्या खूब कहा जाए रस्म-ए इश्क
मिटा के हसरतें कुछ रंग जरा और ही गहराए है!

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25 MAY 2019 AT 2:38

किसी के याद आने, और किसी को याद करने में बड़ा फर्क है।

याद करने के लिए सोचना पड़ता है।

और याद आने पर, सोच को रोकना पड़ता है। वह और बात है कि रोकने से भी यादें रुकती कहां हैं!

वैसे ही, जैसे लकड़ी काटने के लिए हाथ उठाना पड़ता है। और जब हाथ उठा हो, तो उसे रोकना कठिन हो जाया करता है!
ऊंह... यहां गड़बड़ है। खैर, उदाहरण सही न हो, पर बात गलत नहीं।

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15 MAY 2019 AT 22:26

देख मुझे आवाज न देना
आ न सकूँगा अब जा के
इस पार नहीं है कोई किनारा
कूल ढह गए नदिया के!!

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14 MAY 2019 AT 23:56


मैं भी माटी, मन भी माटी
घट बने, मिटे और फिर निखरे
गागर रीते - तो पनघट पर!
प्रीत रहे, पीड़ा बिखरे

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28 APR 2019 AT 0:29

तू बतला अब कैसे ढूंढूं...चलूँ कौन से गाँव सखी

डगर अजानी, जलते पथ पर कहीं विटप न छाँव सखी!

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