Abhishek Shukla 23 APR 2020 AT 23:38 दिल टूटते गये साथ छूटते गये वक़्त कि मार से अपने भी रूठते गये पैसे के बाजार में हर रिश्ता नीलाम हो गया शरीर का पुरजा पुरजा आज कर्जदार हो गया.. #पंडितजी #.. - Suri Anuragg 3 AUG 2020 AT 6:15 "कौन कितने पानी में है,ये देखना अभी बाकी है""और सलामत है हर वो भाई" "जिस के हाथ में उसकी बहन की राखी है" - Shweta Parkar❣️ 24 MAY 2020 AT 18:02 डगर पे कुछ रुक रुक के वो चलती हैहर मोड़ पे वो मुझे नई सी मिलती हैस्याह हाथों से मुझे लिखती हैंमेरी ही आदाओं को मुझी से तोलती है - Abhishek Shukla 6 SEP 2019 AT 12:11 दों चार शब्द क्या लिखें उनके नाम सें ! उनकों तकलीफ़ होनें लगीं मेरे काम सें ! ॥ #पँडित जी #॥ ... - Abhishek Soni 6 JUL 2020 AT 1:18 लगा लूंगा बोली तुम्हारी हर एक अल्फाज़ो की ,गर कोई ये तो बताए इतने कीमती लब्जो से भरी रचनाओं को संभाले तिजोरी में कैसे रखूंगा। - Shipra Singh 5 JUL 2020 AT 21:01 तुम चाहते हो बेच दू कलम अपनी ये ईमान है कोई बाजारु सामान नही है - Akash Rekha Mishra 15 MAY 2018 AT 10:04 मेरी कलम सेतुमने हमको छोड़ा हम तुम्हारा इकरार क्यूँ करेंहमें अपने यारों की फिकर है हम तुम्हारा इंतजार क्यूं करें । - Akash Rekha Mishra 20 APR 2018 AT 0:09 मेरी कलम सेमज़रूह रहता हुँ मैं शब-ओ-रोज़ तेरी फ़िराक़ मेंके ये दिल भी अब मयखाना बन चला है ll - Shivani Dogra 8 MAY 2021 AT 12:20 Bhut ilzaam lgaye unhone hum pr jaate waqt....Shayed unke aaine mai, kuch zada hi dhool jami padi thi. -