मैं अक्सर अपनी जिंदगी के कुछ निर्णय महाकाली पर छोड़ देता हूं। -
मैं अक्सर अपनी जिंदगी के कुछ निर्णय महाकाली पर छोड़ देता हूं।
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जिंदगी के जिस दौर से हम "गुजर" रहे है,तुम गुजरते तो "गुजर"ही जाते। -
जिंदगी के जिस दौर से हम "गुजर" रहे है,तुम गुजरते तो "गुजर"ही जाते।
पूर्व जन्म के संबंधों के कारण ही वर्तमान जीवन मे हमे परिवार,घनिष्ठ मित्र, रिस्तेदार एवं सम्बंधी मिलते है।जब आप किसी से मित्रता या शत्रुता का भाव रखते है इसका सीधा संबंध है या तो लेना बाकी है शक्स से या उसे कुछ देना बाकी है। -
पूर्व जन्म के संबंधों के कारण ही वर्तमान जीवन मे हमे परिवार,घनिष्ठ मित्र, रिस्तेदार एवं सम्बंधी मिलते है।जब आप किसी से मित्रता या शत्रुता का भाव रखते है इसका सीधा संबंध है या तो लेना बाकी है शक्स से या उसे कुछ देना बाकी है।
सब कर्मो का हिसाब है अभिषेक। -
सब कर्मो का हिसाब है अभिषेक।
शब्द तो छलावा है,तुम मेरा मौन पड़ो। -
शब्द तो छलावा है,तुम मेरा मौन पड़ो।
देश मे राजा,समाज मे गुरु, परिवार में पिता, और घर मे स्त्री,ये कभी साधारण नही होते अभिषेक क्योकि जीवन का विनाश और निर्माण इन्ही के हाथ मे होता है। -
देश मे राजा,समाज मे गुरु, परिवार में पिता, और घर मे स्त्री,ये कभी साधारण नही होते अभिषेक क्योकि जीवन का विनाश और निर्माण इन्ही के हाथ मे होता है।
दफन करने से पहले जरा नफ़्ज़ जाँच लेना,अदाकार उम्दा है कही किरदार में न हो। -
दफन करने से पहले जरा नफ़्ज़ जाँच लेना,अदाकार उम्दा है कही किरदार में न हो।
उम्र बिना रुके यू ही सफर कर रही है,और हम ख़्वाहिश लिए वही खड़े है।रुद्राभिषेक...🖋️ -
उम्र बिना रुके यू ही सफर कर रही है,और हम ख़्वाहिश लिए वही खड़े है।रुद्राभिषेक...🖋️
हम तन्हा ही चले थे जिंदगी का दही जमाने।रास्ते मे बुंदिया मिलती गई।जिंदगी का रायता बनता गया। -
हम तन्हा ही चले थे जिंदगी का दही जमाने।रास्ते मे बुंदिया मिलती गई।जिंदगी का रायता बनता गया।
हर शख्स अकेला है इन शहरों में।और ये गाँव है कि शहर बनने की जिद में है। -
हर शख्स अकेला है इन शहरों में।और ये गाँव है कि शहर बनने की जिद में है।