मौत मजा ना देकर मजाक कर जाती है।।
सारे खूबसूरत सपने राख कर जाती है।।
छोड़ जाती है सूनापन आँखों में आवारगी।।
गर्दिश में हर दिन ताक कर जाती है।।
पनाह इसकी पाने को जिंदगी से कितना बचे।।
जहाँ के ये सारे रंज ख़ाक कर जाती है।।
वाह आती ऐसे है हाय जाती कैसे है।।
कई सारे रिश्तों में तलाक कर जाती है।।
कई मंदिर चढ़ाकर सजदे हजारों करवाकर।।
पाप करवाकर सारे पाक कर जाती है।।
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एक मौत बचपन में हुई थी,
दूसरी मौत जवानी में।
बुढापे में हुई फिर तीसरी मौत,
बीत गया सारा जीवन "गिलानी" में।-
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दिन अभी ढला ही नहीं, "रात" हो गई,
प्यास अभी बुझी ही नहीं, "नदी" सूख गई,
फूल अभी खिले ही नहीं, "खिज़ा" खा गई,
जिंदगी (जान) अभी बाकी थी, कमबख्त "मौत" आ गई.-
Hello Friends, आज “LifeShayri. In” आपके साथ Maut Shayari का एक नैया संग्रह शेयर करने जा रहा है, ये शायरी मौत के स्थित का संग्रह है जो मौत शब्द का वर्णन करता है। आप यहां Death Shayari का एक नया संग्रह, आप इस शायरी को Hindi और Urdu भाषा में पढ़ सकते हैं— % &
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दिन ढल गया अब शाम आ गई,
फिर एक तन्हा भरी मायूसी छा गई,
अब चरागों के उजालों से इक सन्नाटा छा गया,
शायद मेरे मरने का वक्त करीब आ गया.-
मौत के साथ हम जीना सीख गए,
अब जिंदगी की क्या जरूरत ?
ख्वाहिश है अब मौत में डूब मरने की,
अब तुम्हारी क्या जरूरत ?
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कभी कोई याद आए तो याद कर लेना,
मौका मिलते ही तुरंत बात कर लेना,
मौत किसी भी पल तुम्हें दफना सकती है,
ये तो जिंदगी है याद को कभी न दफ़नाना.
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मेरा नज़र आना लोगों को,
मौत है किसी की।
मैं जिंदा जो हुआ,
कोई मर गया कर्मों के तक़सीम में।-
Karoge Yaad Toh Har Baat Yaad Aayegi
Guzre Hue Waqt Ki Bhi Mulaqat Thahar Jayegi
Log Toh Kuch Yaad Rakhte Nahi Aaj-Kal Zamane Mein
Najane Kal Kise Humari Maut Yaad Aayegi-
प्यार में सब कुछ भुलाए बैठे हैं,
चिराग यादों के जलाये बैठे है,
हम तो मरेंगे उनकी ही बाहों में,
ये मौत से शर्त लगाये बैठे हैं।-