अकेलापन ही तो अपना हमसफर है "तृषित",
खुशियाँ बांटता हूँ शौक से, वापस पाने के लिए नहीं.-
महसूस होता है तेरा इश्क जब भी ,
ये दिल किसी का हो नहीं पाता ,
हम खुद ही रहते हैं नाराज खुद से ,
और तू भी तो वापस नहीं आता ,
साथ निभाने के मेहेज किए वादे थे ,
पर ये दिल भूल भी तो नहीं पाता ।।-
आंख खोलू तो
चेहरा मेरी मां का हो......
आंख बंद हो तो
सपना मेरी मां का हो ......
मैं मर भी जाऊ तो भी
कोई गम नहीं.......
लेकिन कफ़न मिले तो दुपट्टा
मेरी मां का हो........
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कोई नहीं है दुश्मन अपना ,
फिर भी परेशान हूं मैं.......
अपने ही क्यों दे रहे हैं जख्म
बस इसी बात से हैरान हूं मैं.......-
जब जब भी तुझपे गुस्सा किया है ,
इश्क उतना ही ज्यादा तुझसे सच्चा किया है ,
और है कई खरीदार मेरे दिल के ....
एक तू ही है जिसे इस दिल का रास्ता दिया है ।।-
मुझको गुज़रा ज़माना नहीं चाहिए ,
अब वो यादों में आना नहीं चाहिएं ,
बस यही सोचकर उसको जाने दिया ,
हर जगह हक़ जताना नहीं चाहिए ।।-
एक बात याद रखना
ढूंढने से वही मिलेंगे ,
जो खो गये हैं
वो नहीं जो बदल गये हैं ।।-
वेद पढ़ना आसान है ,
किंतु जिस दिन आपने किसी की
वेदना को पढ़ लिया
तो समझिए ईश्वर को पा लिया.....-
हर घाव दिल का अब
छुपा रहा हूं मैं ,
दर्द जितना हो उतना
मुस्कुरा रहा हूं मैं.....-