QUOTES ON #KUKKU

#kukku quotes

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22 NOV 2020 AT 13:49

"चंद चकोर की आभा लिए तुम कोई गीत लगती हो!
यामिनिगंधा सम उर लिए मेरे हिय की प्रीत लगती हो!

अरुण पंख और तरुण किरण सी आभा झलकती तुझमें,
समस्त स्नेह में व्याप्त आशाओं से शशि छवि की जीत लगती हो!

विमल प्रभा तेजस्वी सी, कौशलसमुह स्नेह लता सी स्नेहमयी,
जितसरोजमुख मधुर करती जीवन को स्वर्ण झनक संगीत लगती हो!

अखिल विश्व की चंचलता समाहित किए करुणा सागर सी,
लक्ष्य अलक्ष्यित निराकार पुर्वदिप्त से ओत प्रोत कोई रीत लगती हो!

विवर्तन परिवर्तन अनंत विचार विहंगीनी नवचेतना संचारिणी,
प्राची सम उज्वलता प्रदान करती अल्पना मनमीत लगती हो!"

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19 NOV 2020 AT 23:02

मुस्कुराना फ़क़त हमारी आदत सही
गलती से इश्क़ ना समझ लेना इसे

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28 OCT 2020 AT 14:37

राधा अपने कृष्ण से पूछै,मिलन हमारा कब होगा
जब ये निशा घनघोर होगी,और सब निद्रावस्था होगा।

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30 NOV 2020 AT 11:16

आंसूओं को समेटकर न आंखों में रखो.!
अगर सूख गए तो तकलीफ ज्यादा देंगे बारिद.!
"बारिद"...💕

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28 MAR 2020 AT 12:27

Meri yaad tujhe din Raat Sataya karegi meri Wafa Teri khayalo mein aaya karegi tum baithana mat kabhi aaine ke samne tumhari parchhai tumhe bewafa bataya karegi

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23 OCT 2020 AT 19:14

"खुशी.....एक सुखद प्रेम"
दुःख के काले बादल छँटकर खत्म हो जाते है
जब "खुशी " के आंसु "आकाश" से बरस आते है।

सुखी हुई बंजर जमीन अब उपजाऊ हो जाती है
जब मन की स्थिती शून्य और आत्मा सुख पाती है।

मुरझायी हुई फसलें फिर से खिलखिला जाती है
जब इसमे "खुशी "वाले अश्रू जल,खाद मिल आती है।

मन के मदारी "श्री कृष्णा" अब बांसुरी बजाते हैं
रुठे हुए मन को चेतना देकर फिर से हँसाते है।

अब कलयुग का कृष्ण "पंडित आकाश" बन जाता है
और अपनी राधा स्वरूप "खुशी " को फिर से बुलाता है।

─ पंडित आकाश मोहन चौहान





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28 MAR 2020 AT 13:50

अगर हो इजाजत तो हम भी कुछ कहें के प्यार का तो पता नहीं दोस्ती के लिए हाथ बढ़ाया था उसके लिए भी ना क्या करोगे ऐसे दिल का जो किसी के लिए धड़के ना ...

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28 OCT 2020 AT 11:02

आज राधा की "खुशी "मे बात कुछ और थी
थोडा़ और गौर से देखा तो वो मेरी ही "खुशी "थी।


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21 OCT 2020 AT 18:14

उन फटे पुराने कागजों की भी कीमत हो जाती है जनाब...
जब कोई शायर दर्द भरे शब्दो को उन कागजों पर अंकित कर दे।
一 पंडित आकाश मोहन चौहान

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27 OCT 2020 AT 19:05


"Oo khushi,Oo khushi"
Meri khushi bs tumse hi
Meri jindgi tumse hi
Mera Wajood tumse hi
Mera Dream aur Success tumse hi
Oo khushi,Oo khushi...
Oo khushi,Oo khushi.......

Meri starting point tum hi ho
Aur meri ending bhi tum hi ho
Tumhari khushi,meri khushi
Oo khushi,oo khushi....
Oo khushi,Oo khushi.........

─ Pandit Akash Mohan Chauhan

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