To inspire us for a new beginning!
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27 JAN 2020 AT 9:47
दिखती है कहाँ मुखौटों में
अब इश्क़ की सच्चाई।
वरना इश्क़ तो हमने भी
बेशुमार किया है-
16 APR 2019 AT 17:19
Vo naa aaega hame malum tha is shyaam bhi,
Intzaar uskaa magar kuch soch kar kar hi rhe h.-
10 JAN 2020 AT 11:20
बिताए थे तेरे साथ जो दिन,
आज उससे याद करके पता नहीं क्यों,
रोना आ गया।-
13 JUN 2019 AT 15:06
किसी को अपना बनाने के लिए,
और वो चल देते है,
यू हमें बेगाना समझकर।-