तुमसे कहने से डरती हूँ
तुम्हारे साथ होकर भी तुमसे दूर ही रहती हूँ |
चेहरे पर मुस्कान
तो अंदर टूटा हुआ दिल लेकर चलती हूँ |
तुम्हें पता भी हैं
कि मैं रोज़ कितनी मरती हूँ |-
हाथों की इन उंगलियों ने भी
कभी सिंदूर से तेरी मांग भरने का ख़्वाब देखा था |
बिछड़ गई तु पहली मोहब्बत के जैसे
इनका भी दिल बार-बार टूटा था |-
सालों बाद ये होंठ फिर मुस्कुराएँ
खुशियों ने इन आँखों से कुछ बूँदें गिराएँ |
मन ये समझ नहींं पाया
कि ये क्या हो रहा हैं ,
खुद को ही तस्वीर में हँसते देख
ये दिल क्यों रो रहा हैं |-
एक तन्हा दिल , इश्क़ का मारा |
चला फिर , इश्क़ करने दोबारा |
तेरी यादों को संभाले , घूमता हैं हर गली - हर चौंबारा |
देख तेरे प्यार ने , मेरा क्या हाल हैं कर डाला |
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लोगों की इस भीड़ में
चला रहा हूँ मैं भी बनकर राहों का हमराही ,
मंजिल से पहले
दिल ने फिर एक चोट गहरी खाई |
अपना दर्द दिखाकर
बदले में दोस्ती पाई ,
सूरज ढ़लते ही
दूर हो गईं हर एक परछाँई |
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रहे तु जिन्द़गी भर आबाद
तेरी खुशियों के समंदर से ना हो कोई व्यापार |
तेरे सीने में धड़कता तेरा दिल ख़जाना हैं ...
लहरों को अपनी मंजिल की सीढ़ी बना ,
तुझे इन पर चलते जाना हैं |
ना होगी कभी काली परछाँई से तेरी मुलाकात
अँधेरों से मैं रोज करते रहता हूँ बात |
बस इतना सा एक फसाना हैं ...
कभी वक्त मिले ,
तो मेरे इश्क़ के अधूरे धुन को तुझे गुनगुनाना हैं |
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जब हुई थीं बातें तुझसे पहली बार ,
तब लगा था कि हो ही जाएगा मुझे फिर से प्यार |
कहना तो चाहता था कि तु वही हैं ,
जिसे मैंने मॉंगा था चॉंद से रातों में कई बार |
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मेरी दो पल कि जिन्दगी में,
मेरे लिए पल-पल दुआंए कोई और माँग रहा हैं |
जिन्दगी हैं मेरी ,
पर जीना कोई और चाह रहा हैं |
दर्द ही दर्द हैं मेरे सिने में ,
हर तड़प वो जानता हैं |
दुआंवो के जरिए ,
मेंरा दर्द खुदा से अपने लिए मॉंग रहा हैं |-
Khayal rakhna tu apna
ye jahan to bass naam ka hai ,
lautengi khushiya teri bhi zindagi me
khuda par vishwas mujhe sabse zayada hai.
Hogi teri duniya me bhi wo roshni
jiska intezar tujhe na jane kabse hai ,
Koi dekh bhi to nahi pa raha
dard to tere nass-nass me hai.
-sahani baleshwar
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Batado aapne manjil ko
Ki usey humsafar banana hai...
Saath to chahiye
Fir bhi apni aadat banana hai....-