Tarapte the jo milne ko,
ab khabar liye v jmana ho gya,
wakt ke sath ab unka pyar bhi
sayad purana ho gya..
-
और वो शर्मीली लडकी
अब बेझिझक
बिना शर्म के
लिखती है खुलकर
आखिर कागज को कहाँ खबर है
स्याही मे भरे हुए शब्द
सब उसके चरित्र ने गढे है
वो रंग वो छंद
कविता का हर एक अंग
खुद जो रचती है
हाँ वो चंद्र की उपासना करती है
वो जो हर रात को आसमान से बात करती है
वो जो लोगो के खामोश होंटो के नीचे की बात पढती है
वो जो औरों के मन के दर्दों को भी समझती है वो जो गिर कर उठती है तो समुद्र मे भी लहरे उमंग की उठने लगती है
वो रोशनी है खुद मे ही
और उसके लेखन मे प्रकाश है निहित-
तेज, शांँत और दिशाहीन...
मैं बहते आंँसुओं की धारा हूंँ...
गैरों की मुझको खबर है क्या...??
मैं तो अपनेपन का मारा हूंँ...-
तेरे दर पर बैठकर ...
शाम से सहर(सुबह) हुई...
पर क्यों मेरे इंतजार की...
तुझको ना खबर हुई...-
खबर रहेगी ना खुद की...
हर वक्त रहोगे बेखबर...
इश्क कहती ये दुनिया जिसे...
सच में है वो मीठा ज़हर...-
तेरी खुशबू, तेरी आहट, तेरे नूर से आ रही हैं,
तेरे आने की खबर मुझे दूर से आ रही हैं।-
کہاں گیا وہ شخص بچھڑ کر مجھ سے مجھے کچھ خبر نہیں
ہاں مگر کر رہی ہیں حکومت اسکی یادیں آج بھی میرے دل پر
Kaha gaya woh shakhash bichad kar mujh se mujhe kuch khabar nahi
Ha magar kar rahi hai hukoomat uski yade aaj bhi mere dil par
✍️رائٹس۔ناعمہ اصلاحی-
Toota hu iss Kadar
Ab kuch bhi na ho rha Asar
Tujhe kuch bhi na h Khabar
Tere liye hum h ek Humsafar
-