कवयित्री राहिनी 29 SEP 2021 AT 11:49 आजकल की,सोशल मीडिया से,भले तो !❣️पुराने जमाने के,कबूतर थे !❣️जिनसे ख़त भेजने,के बाद दिलों में,तसल्ली थी !! - Shivam Patel 8 JUN 2020 AT 8:37 ये Facebook, WhatsApp ने तो प्यार भरी चिट्ठी ले जाने का दौर ही समाप्त कर दिया..वरना आज आसमान में तारों से ज्यादा चिट्ठी ले जाते कबूतरों का राज होता.. - Sanjay Vyas 24 SEP 2018 AT 18:42 जा जा कबूतर, कबूतर जा,कह हमने भी अपना खतउन तक पहुँचवाया,लेकिन कबूतर बाय मिस्टेकउनकी अम्मी को हमारा खत दे आया।😁😁😁💗😁😁😁 - Rekha Lata 30 NOV 2021 AT 1:57 ऐ कबुतर जा कर कह देना मेरे सनम से ,जिस शख्स का किसी और से बात करना तुझे गवारा नहीं था , आज तुने उसे किसी और का होने के लिए कैसे छोड़ दिया ... - Purva Arya 25 APR 2019 AT 11:15 जा अब उड़ जा कबूतरपत्र लिखना छोड़ चुकें हैं हम - Ronak Bhaira Aazad 8 MAR 2020 AT 13:12 बड़े शहरों में तो कबूतरखानों में रहते हैंहमारे गांव में कबूतर रोशनदानों में रहते हैं - Bhagyashree 30 JAN 2019 AT 18:03 Changadar ko kabootar samajh baithe Pyar ka sandeh jo le jane wala thaJanlewa bimari ka taufa de gaya - Av Singh (ए.वी. सिंह)🕉️ 13 MAR 2019 AT 15:43 दीवारों पर बैठने के शौकीन मेरे दोस्तशायद पिछले जन्म में कबूतर रहे होंगे.. - Ronak Bhaira Aazad 8 MAR 2020 AT 19:10 बड़े शहरों में तो कबूतरखानों में रहते हैंहमारे गांव में कबूतर रोशनदानों में रहते हैंइक तिनको को तुम फेंकने चले होहमारे यहां घोंसले भी मकानों में रहते हैंशायद तुम्हे आदत होगी इन पिंजरों कीयहां तो पंछी भी आसमानों में रहते हैंयहां वहां क्या ढूंढते हो ऐ मुसाफिरपंख कटे कबूतर तो कारखानों में रहते हैंऔर मेरे गांव में जो पंछी उड़ते हैं शहर में वो सजी-धजी दुकानों में रहते हैं - कबूतर 24 SEP 2020 AT 8:04 मेरी नजरों को नजर भी नहीं आते अब वोजबसे नाराज हुए घर भी नहीं आते अब वोजिनके दानों के लिए छत पे मेरा जाना होता मेरी छत पे हां कबूतर भी नहीं आते अब वोतब ये चाहत है दवाई हां बनके चले आए होतेजबकि बनके यहां खंजर भी नहीं आते अब वोअपनी झोली से दुआओं का पिटारा देतेयहां गलियों मे कलंदर भी नहीं आते अब वो -