अजब ये है कि मोहब्बत नहीं की अब तक ,
गजब ये है कि शायरी का हुनर रखता हूँ..!!-
मिली होती है जज़्बातो की चंद बूंदे वरना,
आँसू और पानी मे यूँ कुछ फर्क नही होता..!!!-
ओस की बूंदे हैं,
आंखों में नमी है,,
ना ऊपर आसमां है, ना नीचे जमी है,
ये कैसा मोड है जिंदगी में,
जो खास है उनकी ही कमी है,,.....
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कि अब के जो टूटा है मेरे अंदर,
वो फिर जुड़ नहीं सकता,,
मोहब्बत में लाखों गलतियां माफ हो सकती हैं,
बेवफाई नहीं.....-
कि मैं खुद को उसमें महसूस करने लगी हूं ,
ये सजना सवरना अब सिर्फ उसके लिए करने लगी हूं ,
जो अनजान है मोहब्बत से ,
मैं उस शख्स से मोहब्बत करने लगी हूं ,,.....
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सोचते थे एक दिल ही तो है अपना
कमबख्त, वो भी उसकी मुस्कान का हो गया..,
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माना कि मैं अच्छा नहीं लिखता,
पर सुनो ना,
तुमसे कुछ कहना है,
लिखे हैं कुछ जज्बात, जो सिर्फ तुम्हें बयां करना है,,
कह ना सकूं जो लफ्जों में मैं,
उन बातों को मेरी आंखों में पढ़कर तुम्हें समझना है,,
लिखे हैं कुछ जज्बात, जो सिर्फ तुम्हें बयां करना है.....
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काश तुम से मिलने का कोई बहाना हो पाता,
जज्बात जो है दिल में वो तुम्हें बयान कर पाता,
यूं तो हसरतें ज्यादा नहीं है मेरी तुमसे,
पर काश एक दफा ही सही, खुदा उन हसरतों को पूरा कर पाता
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तुम्हें देखकर दिल का मचलना,
और तेरी बातों में डूब जाना,,
तेरे होने से सारा जहां का साथ लगना,
और तेरे ना होने पर खुद को भी भूल जाना,,
यूं तो तुम भी अपना ज्यादातर वक्त मेरे साथ ही बिताती हो,
फिर कहो ना, तुम मुझ जैसा महसूस क्यों नहीं करती हो ??-