*हकीकत*
खेले हैं कांटों से इस कदर,
चुभन का एहसास नहीं होता,
रंग बदलती है दुनिया,
जरूरत पर कोई पास नहीं होता,,,,,,,,,,,!!
-----❤Divya pharswan ❤-----
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10 APR 2022 AT 2:02
16 SEP 2020 AT 9:28
इतना यकीन तो है खुद पर
कि रोऐगा वो शक्स
मुझे फिर से पाने के लिए...-