सुनो लड़कियों ,
अब डरना नही है ,अपने लिए अब खुद लड़ना है !
तोड़ दो बेड़ियां लाज शर्म की ,अब भेड़ियों को मुंह तोड़ जवाब देना है !
नही करेगी पुलिस सहायता , अब तुम्हें ही दुर्गा बन संहार करना है !
सुनो लड़कियों ,
अब तुम्हें भी अपना हक लेना है !
खड़ी हो जाओ रण में अब अस्मिता को अपनी खुद ही बचाना है !
इन भेड़ियों ओर कुत्तों को तुम्हे ही स्वाहा करना है !
बहुत हो गया चुप रहकर सहना ,
प्रतिकार कर अपना ही अस्तित्व बचाना है !
सुनो लड़कियों ,
जितने रूपों में पूजी जाती हो सदियों से
अब काली, दुर्गा , चण्डी, सब बन जाना है !
अब खुद की रक्षा ख़ुद ही कर जाना है !
डरना नही ,हर परिस्थिति से लड़ जाना है !
लड़किया कोई वस्तु ,कोई खिलौना नही
यह सिद्ध कर देना है !
सुनो लडकियों ,
अब तुम्हें खुद के लिए खुद ही खड़े होना है !!!
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