कॉलेज की किताबें, अब धूल फांक रही है
आंखें उसकी गली उसका घर झांक रही है
मोहल्ले के सब लौंडों से उसका पंगा हो गया
इश्क़ क्या हुआ वो लड़का तो लफंगा हो गया
टॉपर था हमेशा, इस साल फेल हो गया है
मारपीट, लड़ाई-झगड़ा तो खेल हो गया है
मंगल, गुरु और शनि जो मंदिर जाता था
उसे इसी माह दस दिन का जेल हो गया है
सुलझा हुआ वो शख़्स था कैसे बेढंगा हो गया
इश्क़ क्या हुआ वो लड़का तो लफंगा हो गया
मां-बाप की उम्मीदों पर पानी फेर रहा है
अपने सपनों को तोड़ कर बिखेर रहा है
मोहब्बत में अब तो गधा बना फिरता है
कभी जो ख़ुद इसी जंगल का शेर रहा है
दिल से कितना अमीर था, भिखमंगा हो गया
इश्क़ क्या हुआ वो लड़का तो लफंगा हो गया
-