इंसानियत ही खत्म हो गई है लोगों में, कोई किसी का दर्द नहीं समझ सकता, इस भरी दुनिया में कोई किसी का हमदर्द नहीं बन सकता, ऐ मुसाफ़िर तू आगे बढ़ता चल, हमदर्द ना सही तू अकेले ही काफी है इस दुनिया में अपनी मंज़िल पाने के लिए...
Zindagi humari or hinssa aap ho Taklife humari or humdard aap ho Samjh nhi ata hum aapke hai ya aap humare Jaise mere hr mushkilo ke hal hai aap saware.