तुझसे बात करके हम जैसे, गिर के भी संभल जातें हैं
तुमको ना सुने तो जैसे हम, पत्थर से कुचले जातें हैं!
इक मुस्कान पे तेरी हम, खुशियों से मचल जातें हैं
बस रूठ जाने भर से तेरे, हम ख़ाक में मिल जातें हैं!
तू जो साथ है तो हम, धूप से ख़िल जातें हैं
साथ मेरा छोड़ा तो हम, शाम से ढल जातें हैं!
जब भी आता है तेरा नाम, मेरे नाम के साथ ,
तो जाने क्यूं लोग, मेरे नाम से जल जातें हैं!!
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