बेवजह ही वजह बनाते हैं लोग,
जो जाते हैं, कहां आते हैं लोग।
चैन ले जाते हैं बैचैनी दे कर,
चैन के फेर में उलझाते हैं लोग।
होते हैं होठों की मुस्कान जो कभी,
जाने फिर क्यूं रुलाते हैं लोग।
गर भरोसा ही नहीं किसी पर तो,
फिर क्यूं रिश्ते बनाते हैं लोग।
रखते हैं दिल में,ज़बान पे कुछ और,
देते हैं दगा फिर समझाते हैं लोग।-
छू कर देखे कोई गैर वतन को,
मेरे साथ जूनूं और धरती है,
देख के तीन रंग रगों में,
अब मौत भी मुझसे डरती है।।।।
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बचपन से आज तक हमने तेरा इंतज़ार ही तो किया है अब होगा मुश्किल इस जनम में मिलना शायद आसमान में ही कहीं हमारे लिए घर बनाया है
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बहुत कुछ बोलते थे फिर भी सच्चे थे हम,
ये उन दिनों की बात है जब बच्चे थे हम...!!-
सपनों का भारत
स्वप्न स्वप्न स्वप्न
जागृत अवस्था का स्वप्न
होश पूर्ण स्वप्न
स्वप्न देता स्वरूप संकल्प को
संकल्प संकल्प दृढ़ संकल्प को
संकल्प से ही होता है सृजन
विधायक सृजन-
Love has driven the
fear of death
Love gives us that faith
Doubtful people can't
enjoy life happily-
गुरु को ब्रह्मा ,विष्णु, महेश
समझने वाला देश है मेरा भारत
अपने माता पिता को साक्षात
भगवान कहने वाला देश है मेरा भारत
यहां पर लोगों की एक नहीं कई माताएं होती है
यहां के मेहमान मेहमान नहीं लोगों के लिए देव होते है।
यहां के वेदों में जो जानकारियां मौजूद है
वह शायद आज के विज्ञान में नहीं ।
यहां के रामायण,गीता , महाभारत
जैसे ग्रंथो को कोई अगर पढ़ता है तो उसे
अपनी जिंदगी से हार मानकर
खुदकुशी करने की जरूरत नहीं पड़ती।
एक ज़मीन टुकड़े को मां समझने वाला देश है भारत
एक तुलसी के पौधे को अपने
घर की देवी मानने वाला देश है भारत।
जिसकी खूबियां और महानता किसी कागज के टुकड़े में समा नहीं सकती वो देश है भारत.....
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जब तक प्रेम की डोर से बंधे थे,तब तक रास रचायें तुम
हे द्वारिकाधीश अब किस महाभारत की तैयारी में हो?-
उम्र गुजा़र दी तेरे झूठे वादों पे
....काश!....
आँख खुले और ख़्वाब टूट जाए-
बता दो कैसे सोऊँ सुकून की नींद मैं साहब...
सुकून से सुलाने वालों के तो शव आ रहें हैं.!!
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