तो क्या हुआ हमने उनसे इजहार नहीं किया,,,,💕
यूँ ही मिलतें रहे अजनबी की तरह पीछा उनका बार- बार ना किया,,,,,
मगर कभी आखों में झाककंर देखा होता तो होते वाकिफ इस किस्से से
हमने उनके सिवा किसी और से भी तो प्यार नहीं किया,,॥ 💕॥
तो क्या हुआ हमने उनसे इजहार नहीं किया ,,,,
राह तकते रहते हैं उनकी जब तक वो नज़र ना आ जाये, और वो सोचते है कि हमने उनका इंतजार नहीं किया ॥ 💕॥
तो क्या हुआ हमने उनसे इजहार नहीं किया,,,,
मगर उनके सिवा किसी और से भी तो प्यार नही किया ॥ 💕॥
उनकी एक आवाज बैचेनियो को राहत दे जाती है मेरी,,,
और वो सोचते है बिन उनके मैं सुकून से जिया॥ 💕॥
तो क्या हुआ हमने उनसे इजहार नहीं किया, मगर उनके सिवा किसी से भी तो प्यार नही किया॥ 💕॥
तुझ बिन हारी- सी जिदंगी काटते रह गयें,,,,,
एक विजय के ख्वाब सहारे तो मैं जिदंगी जिया॥ 💕॥
तो क्या हुआ हमने उनसे इजहार ना किया,,,,
यूँ ही मिलते रहे अजनबी की तरह पीछा उनका बार - बार ना किया ,,, 💕
मगर कभी आखों में झाँककर देखा होता तो,,,,
तो होते वाकिफ इस किस्से से,,,,
हमने उनके सिवा किसी और से भी तो प्यार नहीं किया॥ 💕॥
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