थोड़ी कच्ची हूं मैं, अपने जज्बातों को बयां करने में;
थोड़ी गुमसुम, थोड़ी जिद्दी, थोड़ी बेकाबू हूं मैं....
गलत के सामने, उम्र की कद्र तक नहीं करना आता;
अपने गम बता दिल जीतू, ये खूबी नहीं मुझमें...
तो क्या हुआ, जो तुम्हें भी नफरत हुई मुझसे...!!
लोगों को अमूमन मुझसे, नफरत ही हुआ करती है....!!
-