Siddhi Suman   (Siddhi Suman)
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Joined 29 May 2019


Joined 29 May 2019
7 JUN 2020 AT 10:15

कल अमावस को, तारों ने जब तमन्ना की कि चांद आए;
मुझे तारों में अपना अक्स, चांद में तू नज़र आया।

किसी ने छेरा जब किस्सा तेरा, तेरी खूबियों की वकालत की;
मुझे हर कदम पर मेरे महबूब, तेरा फरेब नजर आया।

आशियां ढूंढ लिया मैंने तेरे शहर से दूर बहुत,
मगर सूने इस आशियां में, तेरा ख्याल बहुत आया।

काश मैं तुझे सीखा पाती, वफ़ा करना ए हमनवा;
की तू किसी और से बेवफ़ाई का हुनर सीख आया।

यकीनन वक़्त के साथ धुंधला जाएंगी, तेरी तमाम यादें;
फिर ये उलझन, की क्या हो, जो वो वक़्त कभी नहीं आया?

मैंने समझाया कई दफा, इन तारों को कि लौट जाओ;
ये चांद नहीं आयेगा, कि आज तक नहीं आया।

वहां उसी जगह फिज़ा ने हौले से कहा मुझे "ए गमजदा!"
समझाया तो तुझे भी कितनों ने, आज तक तुझे समझ आया?

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27 MAY 2020 AT 15:48

दिन गुज़रे, अरसा बीता,
कई रंग ज़िंदगी ने बदल डाले..
हक़ीक़त के बोझ तले,
कई ख़्वाब आंखों के कुचल डाले..
राहों ने ज़ख्म दिए कई,
कई बातों ने रुला दिया..
कतरा-कतरा कर हालातों ने,
मेरे वजूद को मिटा दिया...

बावजूद इसके,
मेरे होठों की वो हंसी आज तक गई नहीं,
कि वो शक्स अब भी याद है,
वो चेहरा मै भूली नहीं।

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18 MAY 2020 AT 12:13

ये बूंद-बूंद बह गया जो तेरा दर्द तेरी आँखों से,
मुझको मेरी तन्हाई में अब ऐसे सता रहा है...
जैसे ये तेरा दर्द नहीं लहू हो मेरी आँखों का,
ये कैसा रिश्ता बन गया तेरी मेरी सांसों का...!!

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16 MAY 2020 AT 11:03

मुझे फ़िक्र नहीं मेरा वक़्त तो एक दिन आ ही जायेगा...
हाँ! मेरे वक़्त के साथ जो तुम भी खड़े हो तो मुझे माफ़ कर देना।

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10 MAY 2020 AT 19:06

यूं तो कई ज़ख्म देते है दर्द इस दिल को..
पर पता नहीं क्यूं,
तेरी गैरमौजूदगी में एक अलग ही तड़प है...!!

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6 MAY 2020 AT 14:51

अंधेरे की ऐसी आदत लगी है मुझको,
कि अब तो इक चिंगारी से भी डर सा लगता है।
इतनी ठोकरें खाई है ज़िंदगी की राहों में,
कि इक कदम भी बढ़ा दू तो लंबा सफर सा लगता है।
कभी नज़र पड़े तो मुझको भी हंसा देना ए ज़िंदगी,
वरना हंसे बिना ही बीता इक उमर सा लगता है।

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3 MAY 2020 AT 11:10

जो मैं तन्हाई की चादर ओढ़े,
किसी रोज तेरी चौखट पे आऊ,
तो मेरी तन्हाई दूर करने को,
तुम हो ना...??!!

लड़-झगड़ किसी रोज अगर,
रूठ जाए जो ख़्वाब मेरे,
उन्हें मनाने को,
वापस लाने को,
मेरी आंखों में फिर से सजाने को,
तुम हो ना...??!!

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28 APR 2020 AT 20:05

झुक गई मेरी वफ़ा तेरे गुरूर के सामने....
तू इतना बेदर्द ना जाने कब से हो गया....!!

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27 APR 2020 AT 11:18

वो तारों को मुट्ठी में लिए, जा रहा है मंज़िल को....
मेरा तो चांद भी गुम है, ये मैं किस किस को समझाऊं...!!

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22 APR 2020 AT 16:15

ये झूठा नीला चेहरा,
धुल जाएगा आकाश का...
थोड़ा सा सब्र करो,
बस रात को आने दो।

ए दिल,
तेरा हर दर्द बहा दूंगी अश्कों में....
थोड़ा सा सब्र करो,
बस रात को आने दो।

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