गुफा हमेशा काली ही होती है
गुफा के चमगादड़ों को काली गुफा ही अच्छी लगती है
हमारा काम गुफा का कलर देखना नहीं
गुफा की गहराइयों का सफर करना है-
[दोनों हम]
इक दूजे को छोड़
कहाँ जायेंगे दोनों हम,
इक दूजे में ही हैं घर हमारे
वहीं रहेंगे दोनों हम,
कोई और जगह कोई और टापू भी तो ऐसा नहीं
जहां जाकर रह लेंगे दोनों हम...
इक दूजे को छोड़
कहाँ छुपेंगे दोनों हम,
हर जगह छोड़ इक दूजे में ही तो छुपते थे
इक दूजे से बचकर कहाँ जायेंगे दोनों हम,
कोई और जगह कोई और गुफा भी तो ऐसी नहीं
जहां छुपकर रो लेंगे दोनों हम...
इक दूजे के छोड़
किसी को क्या समझें दोनों हम,
और इक दूजे को कैसे समझायें
मिलें तो बरबाद और ना मिले तो भी बरबाद दोनों हम,
कोई और अक्ल कोई और हल भी तो ऐसा नहीं
जो समझ कर इक दूजे को भूल जाये दोनों हम...-
Abhi to ye safar,
Thoda lamba or baki,
Itni jaldi neend
Ye aaye kaise?
Khud se karne ko
Gufa-tagu abhi to
Ye puri raat baaki hai-
Use humse tha shayad dillagi
Lekin yeh tab ki baat hai
Jab voh thi dillagi
*tuonpav*-