तेरे दर्द से जैसे.....
कोई दवा लगी हमें।
तूने बददुआ भी दी....
तो दुआ लगी हमें।।-
गर हार महसूस, हो गई अपनी....
फिर चिंतन, थोड़ा सा कर लेना।
मरे हो जितना, जीत के लिए तुम....
थोड़ा ज्यादा सा, ओर मर लेना।।-
सपनों में आकर के, इशारा कर जाती हैं...
वो यादें फिर से मुझे, आवारा कर जाती हैं।।-
मतलब से सब, यार हैं बनते....
कद्र यहां ना, रिश्तों की।
महोब्बत में भी, बात कहां वो....
रह गई ये भी, किश्तों की।।-
मां को तेरी, मां ही माने, वो है दोस्त....
गम में अक्सर, आए हंसाने, वो है दोस्त।
इस रिश्ते जैसी, मिसाल ना कोई...
तुझसे ज्यादा, तुझको जाने, वो है दोस्त।।
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तेरा शहर नया सा हो गया...
मेरी यादें अब भी पुरानी हैं।
मेरे हंसते चेहरे के पीछे....
एक दर्द भरी कहानी है।।-
तैर कर हम, किनारे तो पहोंचे...
सब मंसूबे, ख़ाक कर गया।
हां इश्क़, आग का दरिया है...
जो हमें, राख कर गया।।-
उसे आज़ादी प्यारी थी...
इक रस्ता ईजाद कर दिया।
हां इश्क़ से अपने...
उसे आजाद कर दिया।।-
कहा था उसने....
"के तुम्हें बर्बाद करेंगे"!
जवाब था मेरा....
"हम फिर भी याद करेंगे"।।-