सफर कितने लंबे हो जाते हैं
जब दबे पांव दस्तक देती है यादें
दिल के दरवाजे पर
मैं अक्सर इस मीलों लंबे सफर में
उन पलों को बटोरने लगता हूँ
छोड़ गया था जिनको उलझे हुए कुछ सवालों के बीच-
28 JUL 2020 AT 22:50
19 AUG 2019 AT 9:29
Chehra dekh kar insaan
Pehchanne ki kala thi mujhme
Taqlif toh tab hui jab
Insaano ke paas chehre bohot they
-Ghulzar Saheb 💐-