हिवड़ो म्हारो तरस रह्यो
सांवरा थारा दरसण ने
भर गयो है हिवड़ो अब तो
नैण आया है बरसण ने
क्यूँ मन्ने तरसावे है
अब तूँ और ना तड़पा,
सुण हेलो सांवरा
अब तूँ बेगो आ....
थारी उडीक में कठे'ई
देर न हो जावे
ऐ नैण थारी उडीक में
चिर नींद न सो जावे
अब भगवन तूँ म्हारी
ना और नींद उड़ा,
सुण हेलो सांवरा
अब तूँ बेगो आ....
अब तूँ बेगो आ....
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