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Mom !
I love you !
Beta , I love you too ;
But, your father needs a son.-
{{कन्या भ्रूण हत्या क्यूं ?}}
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दरवाज़ों पे खाली तख्तियां अच्छी नहीं लगती!
मुझे उजड़ी हुई ये बस्तियां अच्छी नहीं लगती!!
चलती तो समंदर का भी सीना चीर सकती थीं!
यूँ साहिल पे ठहरी कश्तियां अच्छी नहीं लगती!!
ईश्वर भी याद आते है ज़रूरत पे यहां सबको!
दुनिया की यही खुदगर्ज़ियां अच्छी नहीं लगती!!
उन्हें कैसे मिलेगी माँ के पैरों के तले जन्नत!
जिन्हें अपने घरों में बच्चियां अच्छी नहीं लगती!!
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जीने दो उसे जो आई है,
खुद सृष्टि का निर्माण लिए..
(A Poem On Female Infanticide)-
यूँ तो यह स्वयं अपने भीतर
संपूर्ण मानव जीवन का सृजन करने वाली,
परंतु प्रारब्ध में अपने ही
अस्तित्व के लिए संघर्ष की गाथा लिखा ली।-
वो बेबस हें !
लाचार हे !
वह एक मां है और कौख मे बेटी !
-अपरीचीत लेखक-
ग़ैरों की बेटी पर जान देने
और अपनी बेटी की जान लेने पर इसे बहुत गुमान है,
ये आज का इन्सान है!
(कैप्शन)-