Muskan jha  
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ॐ नमः शिवाय 🔱💓
𝐓𝐡𝐚𝐧𝐤𝐬 𝐟𝐨𝐫 𝐜𝐡𝐞𝐜𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐧!😉
Joined 24 June 2020


ॐ नमः शिवाय 🔱💓
𝐓𝐡𝐚𝐧𝐤𝐬 𝐟𝐨𝐫 𝐜𝐡𝐞𝐜𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐧!😉
Joined 24 June 2020
23 JUN 2024 AT 0:37


मैं तुझको चांद और खुद को दाग लिखूंगी ,
मैं तुझको गीत और खुद को राग लिखूंगी ,
गर लिखना पड़े कुछ जिंदगी के बारे में ,
मैं तुझको पूरी कहानी और खुदको छोटा सा भाग लिखूंगी ।

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26 JAN 2024 AT 0:31

"सब ठीक है" ये खुद को समझा रही हूं मैं,
फिर भी ना जाने क्यों थोड़ा घबड़ा रही हूं मैं,
सही - गलत के मसले में उलझा कर खुद को,
जमाने के सामने धोखे से मुस्कुरा रही हूं मैं ।

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31 DEC 2023 AT 23:51

उसके आने का इंतज़ार है , शायद
गले लगाने का इंतज़ार है ।

पास बैठ कर उसके ,
नज़रों में खो जाने का इंतज़ार है ।

बस कुछ दिन की बात नही ,
पूरी जिंदगी के लिए उसे पाने का इंतज़ार है ।

मैं बिल्कुल करीब रहूं उसके ,
ऐसे किसी बहाने का इंतज़ार है ।

अकेले नहीं , उसके साथ ,
सारे सपने सजाने का इंतज़ार है ।

उसके आने का इंतज़ार है , शायद
गले लगाने का इंतज़ार है ।

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25 DEC 2023 AT 11:51

कैसे भूलूं उसको ?
कोई दवा ? या कोई दुआ ?

वो जो मेरे इतने पास था ,
मेरे लिए वो सबसे ज्यादा खास था ,

कितने सपनो को साथ में संजोया था हमने ,
दिल की बंजर ज़मीन पर प्यार का फूल बोया था हमने ,

क्या वो सच में भूल गया सब ?
अगर नही तो दिखता क्यूं नही अब ?

वो तो कहता था तुम बदलोगी , मैं नही ,
क्या वो अब भी वही है ? और शायद "मैं" ही "मैं" नही।

कहता था आऊंगा जरूर , इंतजार करना ,
मिल जाऊं तो हक से इज़हार करना ,

शायद अब वो हक नही रहा मेरा ,
शायद अब वो शख्स नही रहा मेरा ।

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18 NOV 2021 AT 12:20

तू हर घड़ी, हर वक़्त,
मेरे साथ रहा है..... 🤗
हाँ ! ये ज़िस्म,,
कभी दूर, कभी पास रहा है....❣️

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29 SEP 2021 AT 23:55

बेशुमार मोहब्बत ही थी और रहेगी,,
अगर तुम्हें भी ऐसा एहसास हो....
तो जता देना 😍
और ना हो,,तो अपने रास्ते से ही हटा देना....

माना तकलीफें होंगी,,सह लुंगी मैं,,
तुम्हारी खुशी के लिए,,
तुमसे ही दूर रह लुंगी मैं ....
फिर भी कभी भूले भटके याद आ जाए मेरी ,,,
तो बेझिझक मुझे बता देना....❤️🙂

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10 SEP 2021 AT 10:52

🥀💋😍

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25 JAN 2021 AT 23:32

आओ सिमट जाओ मुझमें,
के दूरियां अब गवारा नही लगता।
तेरी तस्वीर को ही देखती रहती हूँ ,
दूजा बेहतर कोई नज़ारा नही लगता।

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24 JAN 2021 AT 9:27

पा लेने की बेचैनी और खो देने का डर ,,😣
बस इतना ही होता है मोहब्बत का सफर ।🤞🏻❣️

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14 JAN 2021 AT 9:16

तिलवत् स्निग्धं मनोऽस्तु वाण्यां गुडवन्माधुर्यम्।
तिलगुडलड्डुकवत् सम्बन्धेऽस्तु सुवृत्तत्त्वम्।।

भावार्थः-
मकर संक्रांति पर तिल समान हम सभी के मन स्नेहमय हो,,,गुड़ समान हमारे शब्दों में मिठास हो और जैसे लड्डू में तिल और गुड़ कि प्रबल घनिष्ठता है वैसे हमारे संबंध हो।।

HAPPY MAKARSANKRANTI 🔥🥶🤗

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