ಬಾ...
ಹಾರುವ ಹಕ್ಕಿಗಳ ನೋಡುವ ಬಾ
ಚಿಲಿಪಿಲಿ ನಾದಕ್ಕೆ ಕುಣಿಯುವ ಬಾ
ಬಾನಂಗಳದಾಚೆಗೆ ಹೋಗುವ ಬಾ
ನಾವೇ ಹಕ್ಕಿಗಳಾಗಿ ಹಾರಾಡುವ ಬಾ-
15 NOV 2022 AT 20:55
13 SEP 2021 AT 20:30
आज फिर परिंदे को आश जगी उड़ने की,
लेकिन किसी ने उसके पंख पकड़ रोक लिया
उस क्षण में उसकी सारी आश सिर्फ काश
में बदल कर रह गई,
परिंदे ने कहा, ऐ गलतफ़हमी मे डूबे इंसा," मैं कोई पिंजरे में बंद तुम्हारे आगन की सजावट नहीं ,,
"मैं तो नूर हू उस आसमा का"
"मैं तो खूबसूरती हूं उन फिजाओं की "
"मैं संगीत हूं सुबह की", "मैं चहचहाहट हूं हर शाम की"
"मेरे बिना ये प्रकृति का रूप अधूरा है"
अब तुम्हीं सोचो और खुद से पूछो
मुझे कैद करके भी क्या तुम कैद कर पाओगे कभी
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