इत्तेफाक से इबादत तक का सफर हो तुम
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Amrita Sharma
(दिल से पन्नों तक(Amrita)
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Joined 28 August 2021
31 JAN 2022 AT 0:15
ना खोने का ग़म
और ना पाने का इरादा है
शिकायते कम,....उम्मीदें थोड़ी ज्यादा है
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23 JAN 2022 AT 23:36
तेरे प्यार का रंग कुछ यू चढ़ा है मुझपर की तुने कहा
तेरे माथे की लाल बिंदी मुझे पसंद है तो मैंने माथे को लाल कर लिया
कि तूने कहा आंखों में काजल लगाया करो अच्छी लगती हो
तो मैंने तन को ही काला कर लिया
तेरे रंग की चादर खुद पे ओढ़ कर अपनी साँसों को तेरे नाम कर दिया-
23 JAN 2022 AT 23:25
खुद को खुद का सहारा बनाये
वरना जिंदगी भर दूसरों के सहारे मुस्कुरा नहीं सकते-
3 JAN 2022 AT 8:19
मैं खुश नहीं थी,
मैं खुश नहीं थी..
क्योंकि मेरे जीवन के पन्ने किसी और हाथों पलटे जा रहे थे,
मैंने कहा रुको इसे पढ़ लो इसमें तुम्हें मैं मिलूंगी
उस पन्ने को तो पढ़ो वहॉं मेरी आत्मा मिलेगी
मैंने ठीक से कहा नहीं या उसने कोशिश न कि सुनने की....-