नि:शब्द हूँ!इजहार-ए-मोहब्बत करूँ कैसे?
रूहानी इश्क समंदर में अब यूँहीं मौन बहना है!
जो पढ़ सको तो पढ़ लेना उन तरसती आँखों को...
जिन्हें ताउम्र सोज़े फिराक़ में जलना है!
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24 OCT 2020 AT 2:14
17 JUN 2017 AT 20:07
अच्छा किया जो इस दफ़ा
तुमने गले से न लगाया
वगरना क़लेजे को
ठंडक पड़ जाती-
23 JUN 2019 AT 0:31
First she planted the fire of love,
in his broken cold blooded heart,
and then fed his heart by the ice of ignorance,
Such a great leveler she was.-
16 SEP 2021 AT 0:20
तेरे अंदर आज जो आग है
कही मुझमें भी वो सुलगती है
मेरे दिल की धड़कने अक्सर
तेरे सांसों से ही उलझती है
❤️-
25 OCT 2020 AT 23:38
इश्क़ से सरोबार इन निगाहों में मुहब्बत तलाशते है
नज़र ना लगे उन्स को नजर इन नज़रों को करते है
शज़र सा बाहें फैलाए झूमते ईशकिया पुरवाई पर
जो तू लिपटे बिजली सी बरस जाए हम बादल से।-
17 SEP 2020 AT 14:23
बस कुछ दिन की बात है, लगता है अब जी नहीं पाएगें,
अगर तेरे इश्क़ की गर्मी यूँ ही बढ़ती गई,
तो लगता है एक दिन जरूर पिघल जाएंगें.....-
11 JUN 2021 AT 11:12
आग से ना लड़ाओ हमें कि मोम के पुतले हैं हम
ज़रा सी आँच जो लगी तो फूट फूटकर रो देंगे-